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Home - Technology - दुनिया के सूक्ष्म प्रोग्रामेबल रोबोट्स: रोशनी से चलने और सोचने वाली मशीनें

दुनिया के सूक्ष्म प्रोग्रामेबल रोबोट्स: रोशनी से चलने और सोचने वाली मशीनें

by rahulRahul Published: December 16, 2025
written by rahulRahul Published: December 16, 2025
Smallest Programmable Light Powered Micro Robots
सबसे छोटे प्रोग्रामेबल लाइट पावर्ड माइक्रो रोबोट / मार्क मिस्किन - पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी
3

Table of Contents

  • 1. माइक्रोस्केल पर रोबोटिक्स की सबसे बड़ी छलांग
  • 2. पानी में तैरने का अनोखा तरीका
  • 3. रोशनी से चलने वाला दिमाग
  • 4. तापमान पहचानने की क्षमता
  • 5. भविष्य में मेडिकल और मैन्युफैक्चरिंग में क्रांति
  • FAQs
    • Q1. दुनिया के सबसे छोटे प्रोग्रामेबल रोबोट माइक्रो-रोबोट कितने छोटे हैं?
    • Q2. दुनिया के सबसे छोटे प्रोग्रामेबल रोबोट कैसे चलते हैं?
    • Q3. दुनिया के सबसे छोटे प्रोग्रामेबल रोबोट को ऊर्जा कैसे मिलती है?
    • Q4. दुनिया के सबसे छोटे प्रोग्रामेबल रोबोट क्या प्रोग्राम किये जा सकते हैं?
    • Q5. दुनिया के सबसे छोटे प्रोग्रामेबल रोबोट का भविष्य में कहां उपयोग हो सकता है?

सूक्ष्म तकनीक में एक नया अध्याय खुला है, जहां शोधकर्ताओं ने दुनिया के सबसे छोटे प्रोग्रामेबल रोबोट विकसित किए हैं। ये रोबोट, जो पेंसिल के सिरे से भी छोटे हैं, तैरने जैसी गतिविधियां करने में सक्षम हैं। ये तापमान पहचान सकते हैं, समूह में कार्य कर सकते हैं और कई महीनों तक केवल रोशनी की ऊर्जा पर कार्य कर सकते हैं। इनका निर्माण यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया और यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के वैज्ञानिकों ने मिलकर किया है।

1. माइक्रोस्केल पर रोबोटिक्स की सबसे बड़ी छलांग

इलेक्ट्रॉनिक्स में महत्वपूर्ण छोटे उपकरणों के विकास के बावजूद, रोबोटिक्स इस गति को नहीं पकड़ पाई थी। विशेषकर पानी में स्वतंत्र रूप से काम करने वाले सूक्ष्म-रोबोट्स का निर्माण एक बड़ी चुनौती रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि नए रोबोट्स ने आकार में 10,000 गुना कमी लाकर एक नई श्रेणी की विकास किया है। ये रोबोट इतने छोटे हैं कि उन्हें आंखों से देखना मुश्किल है, लेकिन वे पूरी तरह से निर्देशित और प्रतिक्रियाशील हैं।

2. पानी में तैरने का अनोखा तरीका

इन सूक्ष्म रोबोट्स के लिए पानी एक गाढ़े तरल के रूप में महसूस होता है। इसलिए, पारंपरिक मूविंग पार्ट्स जैसे पहिये या पंखे काम नहीं कर सकते। यही कारण है कि ये रोबोट एक अनूठा तरीका अपनाते हैं – वे आयनों को हिलाकर पानी में गति उत्पन्न करते हैं। ये एक इलेक्ट्रिक फील्ड बनाते हैं जो तरल में मौजूद आयनों को आगे बढ़ाता है, जिससे रोबोट बिना मूविंग पार्ट के ही काम कर सकते हैं।

3. रोशनी से चलने वाला दिमाग

इन रोबोट्स की खासियत उनके माइक्रो-प्रॉसेसर में छिपी है, जो केवल 75 नैनोवॉट ऊर्जा पर कार्य करता है। ऊर्जा इन्हें सोलर सेल्स से मिलती है, जो प्रकाश को ऊर्जा में परिवर्तित करने के साथ ही प्रोग्रामिंग सिग्नल भी रिसीव करते हैं। प्रत्येक रोबोट की एक अद्वितीय पहचान होती है, जो उन्हें अलग-अलग निर्देश प्राप्त करने की क्षमता देती है।

4. तापमान पहचानने की क्षमता

वर्तमान मॉडल में अत्यधिक संवेदनशील तापमान सेंसर शामिल हैं, जो एक-तिहाई डिग्री सेल्सियस का अलावा कुछ भी बदलते हुए पकड़ सकते हैं। तापमान बढ़ने पर ये रोबोट गर्म दिशा की ओर बढ़ते हैं या हल्की-सी ‘विगल’ मूवमेंट करके संकेत देते हैं, जो मधुमक्खियों के ‘वैगल डांस’ की तरह होता है।

5. भविष्य में मेडिकल और मैन्युफैक्चरिंग में क्रांति

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह मात्र शुरुआत है। भविष्य में ये रोबोट और अधिक सेंसर, अधिक मेमोरी और जटिल प्रोग्रामिंग के साथ उपलब्ध हो सकते हैं। इन्हें दवाओं की डिलीवरी, सूक्ष्म मरम्मत, या औद्योगिक माइक्रो-मैन्युफैक्चरिंग में उपयोग में लाया जा सकता है। यह तकनीक संभावित रूप से कई उद्योगों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की क्षमता रखती है।

FAQs

Q1. दुनिया के सबसे छोटे प्रोग्रामेबल रोबोट माइक्रो-रोबोट कितने छोटे हैं?

ये लगभग 0.2 × 0.3 × 0.05 मिलीमीटर के हैं- यानी बैक्टीरिया के आकार के।

Q2. दुनिया के सबसे छोटे प्रोग्रामेबल रोबोट कैसे चलते हैं?

ये पानी में मौजूद आयनों को इलेक्ट्रिक फील्ड से धक्का देकर आगे बढ़ते हैं।

Q3. दुनिया के सबसे छोटे प्रोग्रामेबल रोबोट को ऊर्जा कैसे मिलती है?

इनके शरीर पर लगे सोलर सेल्स रोशनी को ऊर्जा में बदलते हैं।

Q4. दुनिया के सबसे छोटे प्रोग्रामेबल रोबोट क्या प्रोग्राम किये जा सकते हैं?

हां, हर रोबोट का यूनिक आईडी होता है और इन्हें लाइट सिग्नल से प्रोग्राम किया जाता है।

Q5. दुनिया के सबसे छोटे प्रोग्रामेबल रोबोट का भविष्य में कहां उपयोग हो सकता है?

मेडिकल माइक्रो-सर्जरी, दवा डिलीवरी, माइक्रो-मैन्युफैक्चरिंग और पर्यावरण मॉनिटरिंग में।

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Rahul

Rahul is the dedicated Technology and Automobile Reviewer, responsible for covering gadgets, digital trends, and the rapidly evolving EV and auto markets. As a certified Mechanical Engineer and a passionate early adopter, Rahul provides detailed, technical breakdowns and hands-on Experience in his reviews and guides. He translates complex technological advancements into relevant consumer advice, focusing on how new tech impacts the local economy and business landscape, making his content both reliable and accessible.

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