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झारखंड में पेंशन और वेतन भुगतान में देरी: कुलपति की जिद बन रही है बाधा
रांची: झारखंड के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर के बड़े भाई राधा रमण किशोर की पेंशन अब तक नहीं आई है। उन्हें नवंबर का पेंशन नहीं मिला, और यह समस्या नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति दिनेश सिंह की जिद के कारण उत्पन्न हुई है। कुलपति का कहना है कि विश्वविद्यालय के वित्तीय सलाहकार (FA) को बैठक में शामिल होकर पैसे की निकासी पर सहमति देनी होगी। इस बीच, प्रभारी वित्तीय सलाहकार बीमार होने के कारण दिल्ली में इलाज करा रहे हैं।
सरकार के आदेश का उल्लंघन
राधा रमण किशोर, जो सेवानिवृत प्रोफेसर हैं, अभी तक अपने पेंशन के लिए इंतजार कर रहे हैं। इसके साथ ही, अन्य शिक्षकों का भी वेतन, जो राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है, नहीं मिला है। राज्य सरकार ने क्रिसमस पर्व के मद्देनजर दिसंबर महीने के वेतन का भुगतान 23 दिसंबर से करने का आदेश दिया है, लेकिन नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय में इस आदेश के आलोक में भी वेतन मिलने की उम्मीद कम है।
वित्तीय सलाहकार की सहमति
विश्वविद्यालय के पास वेतन और पेंशन के लिए पर्याप्त धन मौजूद है, फिर भी भुगतान नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत, पैसों की निकासी के लिए वित्तीय सलाहकार की सहमति आवश्यक है। हालांकि, प्रभारी वित्तीय सलाहकार ने अपनी लिखित सहमति दे दी है, लेकिन कुलपति इस बात पर अड़े हुए हैं कि वित्तीय सलाहकार को बैठक में उपस्थित होकर सहमति देनी होगी।
इलाज के कारण संज्ञान में कमी
सूत्रों के अनुसार, प्रभारी वित्तीय सलाहकार की तबीयत ठीक नहीं है और वह दिल्ली में हैं, जिस कारण वह बैठक में उपस्थित नहीं हो सकते हैं। इस विवाद के चलते राज्य के वित्त मंत्री के भाई की पेंशन और शिक्षकों का वेतन अब तक लंबित है।
कुलपति के विवादास्पद फैसले
नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति अपनी कई विवादास्पद गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने विनोबा भावे विश्वविद्यालय में कार्यरत रहते समय कई असफल प्रयास किए, जैसे कि गेस्ट हाउस के नवीनीकरण के लिए लगभग दो करोड़ रुपये की लागत का सवाल उठाना। इसके अलावा, रांची विश्वविद्यालय में भी उन्होंने अपने करीबी सहयोगी को फर्नीचर आपूर्ति का आदेश देने के लिए दबाव डाला था, जिसके चलते उन्हें वहां से हटा दिया गया था।
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