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झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र
रांची: झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार को अपने तीसरे दिन में है। इस दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने बताया कि राज्य में ट्रामा सेंटरों की संख्या और उनके संचालन की स्थिति पर रिपोर्ट मंगाई गई है। कुछ सेंटर पूर्ण रूप से सक्रिय नहीं हो पा रहे हैं, जिनमें मेनपावर की कमी एक मुख्य कारण है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही इन सेंटरों को चालू कर दिया जाएगा और भविष्य में नए ट्रामा सेंटर भी खोले जाएंगे।
धनबाद में स्वास्थ्य सुविधाओं पर चर्चा
झरिया विधायक रागिनी सिंह ने धनबाद में गरीब मरीजों को हो रही समस्याओं का मुद्दा उठाया। स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि धनबाद में एक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल स्थापित किया जा रहा है, जिससे डायलिसिस मरीजों को भी लाभ मिलेगा।
बालू आपूर्ति पर विधायक की चिंता
बालू आपूर्ति के मुद्दे पर कुशवाहा शशि भूषण मेहता ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया। सरकार से पूछा गया कि क्या बालू प्राप्त करना आसान होगा या इसे काले बाज़ार से खरीदना पड़ेगा। मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि पलामू में 71 घाटों से 100 सीएफटी बालू मुहैया की जा रही है।
शिक्षा से जुड़ी समस्याएं
कोडरमा विधायक नीरा यादव ने डिजिटल ठगी की शिकायत की। बरकट्ठा विधायक अमित कुमार यादव ने यह मुद्दा उठाया कि उनके क्षेत्र के डिग्री कॉलेज में शिक्षकों और क्लर्कों की कमी के बावजूद छात्रों का एडमिशन शुरू कर दिया गया है, जिससे छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। मंत्री सुदिव्य कुमार ने पुष्टि की कि कॉलेज के भवन निर्माण के बाद इसे जल्द चालू करने का प्रयास किया जाएगा और शिक्षकों की नियुक्ति भी की जाएगी।
छात्रवृत्ति और समर्थन मूल्य पर विपक्ष का विरोध
छात्रवृत्ति की बकाया राशि को लेकर विपक्ष ने चिंता जताई, यह बताते हुए कि केंद्र से अब तक फंड प्राप्त नहीं हुआ है। विपक्ष का कहना है कि छात्रावासों में रहने वाले बच्चे छात्रवृत्ति न मिलने के कारण काम करने के लिए मजबूर हैं। किसानों के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी अभी तक नहीं मिला है।
राज्य बजट का प्रस्तुति
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने मंगलवार को 7721.25 करोड़ रुपये का बजट सदन में प्रस्तुत किया। इस बजट में सबसे ज्यादा आव allocation महिला और बाल विकास विभाग के लिए 2082.25 करोड़ रुपये, ग्रामीण कार्य विभाग के लिए 1324.82 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य विभाग के लिए 729.75 करोड़ रुपये और आपदा प्रबंधन विभाग के लिए 526.34 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
प्रदर्शन और कार्यवाही का स्थगन
सत्र के दौरान विपक्ष ने छात्रवृत्ति और MSP को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया, जिसके कारण कार्यवाही दो बार हंगामे की वजह से स्थगित करनी पड़ी।
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