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बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार
बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले भी कुछ घटनाएं घटी थीं, जिसके कारण महागठबंधन को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। चुनाव में जेएमएम को एक भी सीट पर चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला, जिससे उनकी नाराजगी सामने आई है।
सीएम सोरेन की दिल्ली यात्रा
नाराजगी व्यक्त करने के बाद, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में ठहरे हुए हैं। इस बीच, यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि हेमंत सोरेन बीजेपी के साथ मिलकर सरकार भी बना सकते हैं। यदि ऐसा होता है, तो बीजेपी और जेएमएम के लिए सीटों का समीकरण क्या होगा? आइए इसमें深入 अनुसंधान करते हैं।
2024 के विधानसभा चुनावों का अवलोकन
झारखंड में 2024 में 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव आयोजित हुए थे, जिसमें जेएमएम और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन को प्रमुख सफलता मिली थी। महागठबंधन ने 81 में से 56 सीटें जीती थीं, जिसमें 34 सीटें जेएमएम, 16 कांग्रेस, 4 राजद और 2 लेफ्ट पार्टी की थीं।
राज्यपाल की कार्रवाई
राज्यपाल संतोष गंगवार ने दो विधेयक, राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025 और कोचिंग सेंटर एवं विनियमन विधेयक, सरकार को लौटाए हैं।
बीजेपी और जेएमएम का संभावित गठबंधन
यदि जेएमएम महागठबंधन को छोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाती है, तो नया राजनीतिक समीकरण बिल्कुल अलग हो जाएगा। जेएमएम के पास 34 सीटें हैं, जबकि बीजेपी के पास 20 हैं। दोनों को मिलाकर कुल 54 सीटें हो जाएंगी, जबकि झारखंड में सरकार बनाने के लिए केवल 42 सीटों की आवश्यकता है। इस प्रकार, यह गठबंधन सरकार निर्माण में सफल हो सकता है।
एनडीए में संभावित भूमिका
यदि पूरा एनडीए खेमा जेएमएम के साथ आता है, तो यह स्थिति और भी बदल जाएगी। इस परिस्थिति में, 34 जेएमएम की सीटें, 20 बीजेपी की सीटें, और आजसू, एलजेपी व जेडीयू की एक-एक सीटें मिलाकर कुल 57 सीटें बन जाएंगी। इससे जेएमएम, महागठबंधन को छोड़कर एनडीए का हिस्सा बन सकता है। हालांकि, जेएमएम ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया है।
एसीबी की जांच
विनय चौबे की पत्नी स्वप्ना संचिता से एसीबी ने घर जाकर पूछताछ की, जिसमें कई सवालों के उत्तर नहीं मिल सके।
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