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रांची में ईडी की छापेमारी और ड्रग इंस्पेक्टर की संदिग्ध मौत
रांची: 12 दिसंबर को कोडीन कफ सिरप मामले में रांची सहित 25 स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा छापेमारी की गई। इस मामले में हाल ही में एक और गंभीर मोड़ आया है, जब रांची में तैनात ड्रग इंस्पेक्टर अमित कुमार की संदिग्ध हालत में मौत हो गई।
कफ सिरप सिंडिकेट के खिलाफ कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, अमित कुमार ने 2 नवंबर 2025 को मांडर थाना क्षेत्र में कफ सिरप सिंडिकेट के खिलाफ एक ट्रक को पकड़ा था। इसके बाद, 3 नवंबर को भी वह इसी मामले की विवेचना के लिए मांडर थाना गए थे। अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसमें परिजन उन्हें रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराने के लिए मजबूर हुए। पेनक्रियाज में समस्या के कारण उन्हें बाद में दिल्ली के अपोलो अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। परिजनों को संदेह है कि उनकी अचानक बिगड़ी हालत और दिल्ली में इलाज के दौरान मृत्यु संदिग्ध स्थितियों में हुई।
संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
अमित कुमार की नियुक्ति 13 दिसंबर 2013 को हुई थी, और उन्होंने शादी नहीं की थी। उनके родственे यह दावा करते हैं कि उनकी सेहत बिल्कुल ठीक थी, इसलिए अचानक तबीयत में परिवर्तन और मृत्यु पर संदेह उत्पन्न होता है।
कोडिन कफ सिरप रैकेट की जांच जारी
कोडीन कफ सिरप से जुड़े मामले में अब एबॉट कंपनी के अधिकारियों की भी मिलीभगत का आरोप लगाया गया है। देवकृपा मेडिकल एजेंसी, धनबाद भी जांच के दायरे में है। अमित सिंह ‘टाटा’ द्वारा किए गए कबूलनामे से 100 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध कारोबार का खुलासा हुआ है।
अन्य संदिग्ध मौतों का उल्लेख
इससे पहले, वाराणसी में अधिवक्ता राजा आनंद सिंह की भी संदिग्ध मौत हो चुकी है। उनकी पत्नी, ज्योति सिंह ने शुभम जायसवाल और अमित सिंह टाटा पर हत्या का आरोप लगाया है। ज्योति का कहना है कि उनके पति ने कोडीन युक्त कफ सिरप सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया था, जिसके चलते उनकी हत्या की साजिश की गई।
ज्योति ने यह भी कहा कि एसओ चौबेपुर ने उनकी मौत का कारण शराब बताने का प्रयास किया, जबकि उनके पति शराब का सेवन नहीं करते थे। उनके अनुसार, राजा आनंद पर पहले भी जानलेवा हमले हुए थे तथा उन्हें कई बार धमकी भी दी गई थी।
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