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उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद के लिए संभावित दावेदार
लखनऊ: उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पद के लिए छह मुख्य दावेदारों के नाम सामने आए हैं। चर्चा है कि पार्टी किसी ब्राह्मण या दलित नेता को इस पद पर नियुक्त कर सकती है। इसके अलावा, ओबीसी समुदाय के नेताओं को भी प्राथमिकता दी जा सकती है। इस मुद्दे पर भाजपा के शीर्ष नेताओं ने सोमवार शाम को लखनऊ में बैठक की। इस बैठक में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने भी भाग लिया।
बैठक में चर्चा के विषय
बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री भी शामिल थे। इस दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही पंचायत और विधानसभा चुनावों को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया। इसके बाद हुई एक अन्य बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, मौजूदा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और प्रदेश महासचिव धर्मपाल सिंह भी उपस्थित थे। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि नाम पर अंतिम सहमति बनी या नहीं।
संभावित उम्मीदवारों की सूची
दिल्ली में हुई बैठक में कुल 9 संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा की गई, जिनमें तीन ब्राह्मण, तीन ओबीसी और तीन दलित समुदाय से हैं। जिन दावेदारों के नाम सबसे अधिक चर्चा में हैं, उनमें दिनेश शर्मा, हरीश द्विवेदी, विद्या सोनकर और बीएल वर्मा शामिल हैं। इस महीने किसी भी समय बड़ा ऐलान किया जा सकता है।
दिनेश शर्मा: प्रमुख दावेदार
उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने की दौड़ में सबसे आगे राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा का नाम है। वे पहले उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं और आरएसएस के साथ उनके अच्छे संबंध रहे हैं। इसके अलावा, दिनेश शर्मा को प्रधानमंत्री मोदी का भी समर्थन प्राप्त है।
हरीश द्विवेदी का कद
एक अन्य महत्वपूर्ण नाम हरीश द्विवेदी का है, जो दिनेश शर्मा के बाद दूसरे बड़े दावेदार हैं। हरीश द्विवेदी में संगठन और सरकार का काफी अनुभव है और वे बस्ती जिले के सांसद रह चुके हैं। उनकी भाजपा और संघ के साथ मजबूत कड़ियाँ हैं।
धर्मपाल सिंह और बीएल वर्मा
ओबीसी समुदाय से धर्मपाल सिंह भी अध्यक्ष बनने की रेस में हैं। वे योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और लोध समुदाय से आते हैं। इसी समुदाय से पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह भी ताल्लुक रखते थे।
इसके अलावा, बीएल वर्मा भी इस दौड़ में शामिल हैं। बदायूं जिले से ताल्लुक रखने वाले वर्मा को राज्य और केंद्र सरकार के साथ काम करने का लम्बा अनुभव है। यूपी में यादवों के बाद ओबीसी समाज का एक बड़ा जनाधार है, जिसे भाजपा मजबूत बनाए रखना चाहती है।
रामशंकर कठेरिया और विद्या सागर सोनकर
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया भी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पद के लिए एक प्रमुख दलित चेहरे के रूप में उभरे हैं। वे आगरा रीजन से संबंधित हैं और अतीत में इसे दो बार लोकसभा चुनाव में जीत चुके हैं।
विद्या सागर सोनकर भी इस पद के लिए प्रमुख दावेदार हैं। उन्होंने बूथ अध्यक्ष, सभासद और सांसद का सफर तय किया है और विधानपरिषद सदस्य बनने से पहले वे जौनपुर के जिलाध्यक्ष और प्रदेश बीजेपी कार्यसमिति के सदस्य रह चुके हैं।
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