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शशि थरूर की पार्टी नेताओं के साथ अनबन
नई दिल्ली । मोदी सरकार की प्रशंसा करने और कांग्रेस की बैठकों से दूरी बनाने के कारण शशि थरूर हाल के दिनों में पार्टी के अन्य नेताओं के हमलों का सामना कर रहे हैं। लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के दौरान, थरूर ने अपने ही पार्टी सदस्यों को संसद की उचित कार्यवाही बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें उनके मुद्दों को संसद में उठाने के लिए भेजा है, न कि चिल्लाने और हंगामा करने के लिए।
संसद में शांति बनाए रखने की अपील
थरूर का कहना है कि सोनिया गांधी और अन्य पार्टी नेता इस बात से परिचित हैं कि उनकी विचारधारा अलग हो सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी जिम्मेदारी संसद में जनता का प्रतिनिधित्व करना है। हंगामे के बजाय, उन्हें समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
संसद का शीत सत्र और विपक्ष का हंगामा
इस शीत सत्र के दौरान विपक्ष ने कई मुद्दों पर हंगामा खड़ा किया है, जिसमें एसआईआर पर चर्चा की मांग शामिल है। थरूर इस संबंध में एक महत्वपूर्ण कांग्रेस बैठक में शामिल नहीं हुए, जबकि उन्होंने पीएम मोदी के एक कार्यक्रम में भाग लिया। उनकी गैरमौजूदगी का कारण बताते हुए उन्होंने यह कहा कि वह अपनी 90 वर्षीय मां के साथ थे।
डीएमके नेता का विवादास्पद बयान
इस बीच, शुक्रवार को डीएमके के वरिष्ठ नेता टी आर बालू ने लोकसभा में ‘कार्तिगई दीपम’ से जुड़े मुद्दे को उठाया। उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश पर टिप्पणी की, जिससे सदन में तीखा विरोध उत्पन्न हुआ। बालू ने बीजेपी का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि एक पार्टी सांप्रदायिक टकराव की स्थिति उत्पन्न कर रही है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बालू की टिप्पणियों को असंसदीय बताते हुए आपत्ति जताई।
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