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श्रीलंका में चक्रवात दित्तवाह का कहर
श्रीलंका में चक्रवात दित्तवाह ने स्थिति को अत्यंत गंभीर बना दिया है। भारी बारिश और बाढ़ के कारण लाखों लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि भूस्खलनों ने हालात को और बुरा कर दिया है। इस कठिन समय में, भारत ने त्वरित मदद भेजते हुए व्यापक राहत और बचाव अभियान आरंभ किया है।
आपातकालीन स्थिति का सामना
चक्रवात से देशभर में व्यापक नुकसान हुआ है। लगातार बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ आई है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। अब तक 330 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग लापता हैं। लगभग 11 लाख लोग इस आपदा से प्रभावित रहे हैं, जिसके चलते सरकार ने कई क्षेत्रों में आपातकालीन स्थिति की घोषणा की है।
भारत द्वारा शुरू किया गया राहत अभियान
भारत ने हालात का तुरंत संज्ञान लेते हुए ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ के तहत राहत सामग्री भेजी है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), भारतीय वायुसेना और नौसेना मिलकर कोलंबो में सक्रिय रूप से बचाव कार्य कर रहे हैं। NDRF की टीम ने जलमग्न क्षेत्रों में फंसे परिवारों को सुरक्षित निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वायुसेना और नौसेना का सहयोग
INS विक्रांत पर तैनात दो हेलीकॉप्टरों ने निरंतर रेस्क्यू मिशनों में भाग लिया है। एक ऑपरेशन के तहत चार सदस्यीय परिवार को छत से सुरक्षित निकाला गया है। वायुसेना ने Mi-17 V5 हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है, जो बिना देरी के फंसे हुए लोगों तक पहुंच रहे हैं। राहत सामग्री लेकर C-130J और IL-76 विमान भी श्रीलंका पहुंच चुके हैं।
भारतीय नागरिकों का बचाव
भारत ने अब तक 320 से अधिक भारतीय नागरिकों को श्रीलंका से सुरक्षित निकाला है। इसके साथ ही, भोजन, दवाओं, ईंधन और अन्य आवश्यक सामग्री की आपूर्ति भी की जा रही है। ये सामग्री उन क्षेत्रों में वितरित की जा रही है जहां सड़क संपर्क कट गया है और लोग घरों में फंसे हुए हैं।
जयसूर्या का आभार और द्विपक्षीय संबंध
पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या ने सामाजिक मीडिया पर भारत का धन्यवाद किया है। उन्होंने संकट के समय में भारत की मदद को श्रीलंका की जनता के लिए बड़ी राहत बताया। उनका यह संदेश स्पष्ट करता है कि दोनों देशों के बीच संबंध केवल राजनैतिक नहीं, बल्कि गहरी मानवीय भावनाओं पर आधारित हैं।
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