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रांची विश्वविद्यालय में परीक्षा परिणामों में देरी
रांची : राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्वारा दिए गए स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, रांची विश्वविद्यालय में कई परीक्षाओं के परिणाम 5 से 6 महीने की देरी से प्रकाशित हो रहे हैं। इसका प्रभाव यह है कि विश्वविद्यालय का कोई भी सत्र समय पर संचालित नहीं हो पा रहा है, जिससे संपूर्ण अकादमिक कैलेंडर बाधित हो चुका है।
परीक्षा परिणामों में अनियमितता
यह स्थिति विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग द्वारा हाल में घोषित परिणामों के विश्लेषण पर आधारित है। लगभग सभी परीक्षाओं के परिणाम 150 से 180 दिन बाद जारी किए गए हैं। ऐसे में वर्तमान में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर रांची विश्वविद्यालय का कोई भी बैच नियमित सत्र में नहीं चल रहा है।
हालिया परिणामों का विश्लेषण
हाल में घोषित परिणाम बताते हैं कि एमसीए (सेशन 2024–26) प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा अगस्त में आयोजित हुई थी, जबकि परिणाम दिसंबर में जारी किया गया। इसी तरह, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा, पीजी कला, विज्ञान एवं वाणिज्य, और डिप्लोमा इन सेरीकल्चर जैसे पाठ्यक्रमों के परिणाम भी 5 से 6 महीने की देरी से आए हैं, जोकि नियमानुसार समय पर जारी होना चाहिए थे।
सत्र और पाठ्यक्रम प्रभावित
परिणामों में देरी ने अगले सेमेस्टर के समस्त शेड्यूल को प्रभावित किया है। कई पाठ्यक्रमों में, जहां छात्रों को पहले ही डिग्री प्राप्त हो जानी चाहिए थी, वे अब भी परीक्षा और परिणाम का इंतजार कर रहे हैं। विशेषतः, प्रोफेशनल कोर्स के छात्र, जो विश्वविद्यालय को अधिक शुल्क अदा करते हैं, इस तंगी से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
प्रशासन की जवाबदेही की कमी
अब तक, विश्वविद्यालय प्रशासन की जवाबदेही तय नहीं की गई है। न तो किसी अधिकारी से स्पष्ट जवाब मांगा गया है और न ही कोई समयबद्ध सुधार योजना सार्वजनिक की गई है। हाल के महीनों में विश्वविद्यालय मुख्यालय पर जो धरना-प्रदर्शन हुए, उनका प्रमुख मुद्दा सत्र सुधार, लंबित परीक्षाएं और परिणाम जारी करने की मांग रहा है।
छात्रों के भविष्य पर प्रभाव
इस समस्त स्थिति का प्रत्यक्ष प्रभाव छात्रों के भविष्य पर पड़ रहा है। कई विभागों में नियमित कक्षाएं नहीं चल रही हैं, स्थायी शिक्षकों की कमी है और सत्र समय पर पूरा नहीं हो रहा है। शिक्षा व्यवस्था में यह निरंतर देरी छात्रों के करियर के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।
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