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रांची में गीता चौबे गूँज का उपन्यास “सलोनी” का लोकार्पण
रांची: शब्दकार साहित्यिक समूह द्वारा प्रेस क्लब राँची में गीता चौबे गूँज के नए उपन्यास “सलोनी” का लोकार्पण किया गया। इस उपन्यास को विशेष रूप से उन युवा पीढ़ी को समर्पित किया गया है, जो विवाह जैसी महत्वपूर्ण संस्था से ध्यान हटा रहे हैं और अपने दायित्वों को अनदेखा कर रहे हैं। उपन्यास में एक आदर्श दांपत्य जीवन का एक मर्मस्पर्शी चित्रण देखने को मिलता है।
अवसर की महत्वपूर्ण बातें
लोकार्पण समारोह में शब्दकार की अध्यक्ष रश्मि शर्मा ने बताया कि गीता चौबे गूँज ने सलोनी के मुख्य चरित्र की भावनात्मक और सृजनात्मक रूपों को बहुत गहराई से व्यक्त किया है। उनकी काव्यात्मक भाषा उपन्यास को विशिष्टता प्रदान करती है, जो इसे पठनीय बनाती है।
साहित्यकार अनीता रश्मि ने गीता की बहुमुखी प्रतिभा की सराहना की और कहा कि उन्होंने इस पुस्तक को अत्यंत प्रेम से संजोया है। उपन्यास में यात्रा के दौरान उपस्थित घटनाओं और प्रकृति के सौंदर्य का अद्भुत चित्रण किया गया है, जो पाठकों को आकर्षित करता है।
समीक्षकों की प्रतिक्रिया
समीक्षक कलावंती सुमन ने इस उपन्यास के विषय में टिप्पणी करते हुए कहा कि लेखक ने रेल यात्रा के माध्यम से एक दंपत्ति के जीवन की यात्रा को प्रस्तुत किया है। इसकी सरल भाषा नई पीढ़ी के पाठकों के लिए भी इसे पढ़ना आसान बनाती है।
पी के झा ने इस पर जोर दिया कि जब रचनाकार किसी पात्र को जीवंत करता है, तो उसे उसकी विकास प्रक्रिया की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उपन्यास में सीमित समय में कई मोड़ और चरित्रों को समझने का प्रयास किया गया है।
विशिष्ट विचार
वरिष्ठ साहित्यकार अशोक प्रियदर्शी ने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि किसी भी उपन्यास या कहानी की प्रमुख शर्त होती है उसकी पठनीयता, जो “सलोनी” में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। इसमें जीवन की स्वीकार्यता और सकारात्मकता को भी प्रदर्शित किया गया है।
कार्यक्रम का संचालन राजीव थेपड़ा ने किया, जबकि स्वागत उद्बोधन रीता गुप्ता ने प्रस्तुत किया। धन्यवाद ज्ञापन नंदा पाण्डेय ने किया।
इस अवसर पर शब्दकार साहित्यिक टीम के सदस्यों के अलावा राँची के कई साहित्य प्रेमी भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस आयोजन में भागीदारी की।
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