Table of Contents
रांची में केंद्रीय सरना समिति का 12 दिसंबर को महाधरना
केंद्रीय सरना समिति ने 12 दिसंबर को महाधरना आयोजित करने की योजना बनाई है। यह निर्णय रांची के 13 आरआईआईटी बिल्डिंग में केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। बैठक में डिलिस्टिंग के मुद्दे पर चर्चा की गई और इसे सफल बनाने के लिए झारखंड के विभिन्न जिलों में जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया।
हक-अधिकार पर चौतरफा हमला
फूलचंद तिर्की ने बैठक में कहा कि सरना आदिवासी अपनी रूढ़िवादी परंपराओं के अनुसार अधिकारों के हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुरमी-कुड़मी समुदाय आरक्षण में हस्तक्षेप कर रहा है जबकि धर्मांतरण के कारण पूर्व में आदिवासी आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं। यह स्थिति सरना आदिवासी समुदाय के लिए चिंताजनक है।
ईसाई मिशनरी का दोहरा लाभ
केंद्रीय सरना समिति के महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि ईसाई मिशनरी अनधिकृत लाभ प्राप्त कर रहे हैं। वे एक ओर अल्पसंख्यकों का आरक्षण ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अनुसूचित जनजाति का भी लाभ उठा रहे हैं। इस कारण, मूल आदिवासी आज भी गरीबी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने आगामी महाधरना को ऐतिहासिक बताया।
बैठक में मौजूद सदस्य
इस बैठक में केंद्रीय सरना समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रमोद एक्का, रांची जिले के सरना समिति के उपाध्यक्ष नंदा उंराव, महासचिव संजय तिर्की, विनय उरांव, निरा टोप्पो, विमल कच्छप, राहुल केरकेट्टा, सोहन कच्छप और अन्य सदस्य मौजूद थे।
Have any thoughts?
Share your reaction or leave a quick response — we’d love to hear what you think!
