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झारखंड में ED की पहली बड़ी कार्रवाई: रांची के CA नरेश केजरीवाल के ठिकानों पर छापेमारी
रांची/मुंबई/सूरत, 02 दिसंबर 2025 – प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार सुबह विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत झारखंड में पहली बार एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए रांची के प्रसिद्ध चार्टर्ड अकाउंटेंट नरेश कुमार केजरीवाल और उनके सहयोगियों के 15 विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई रांची, मुंबई और सूरत में एक साथ की गई।
छापेमारी की विस्तृत जानकारी
तीन शहरों में एक साथ शुरू हुई छापेमारी की प्रक्रिया सुबह लगभग 6 बजे से प्रारंभ हुई। इसमें रांची के चर्च कॉम्प्लेक्स में स्थित नरेश केजरीवाल का कार्यालय, उनका निवास स्थान और अन्य कई परिसरों को शामिल किया गया है। साथ ही, मुंबई और गुजरात के सूरत में भी उनकी संलग्न संपत्तियों पर ED की टीमें सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।
आयकर छापेमारी से प्राप्त सबूत
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय आयकर विभाग की पूर्व में की गई छापेमारी में नरेश केजरीवाल के पास विदेशों में बड़े पैमाने पर निवेश के ठोस सबूत प्राप्त हुए थे। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि केजरीवाल ने संयुक्त अरब अमीरात, नाइजीरिया और अमेरिका में कई शेल कंपनियों का संचालन किया है। इन कंपनियों में 900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा बताई गई है, जबकि लगभग 1,500 करोड़ रुपये फर्जी ट्रांज़ैक्शंस और दस्तावेजों के माध्यम से भारत में प्रविष्ट किए गए।
ED के अधिकार और कार्यप्रणाली
FEMA-1999 के तहत ED को कई प्रमुख अधिकार प्रदान किए गए हैं, जिनमें शामिल हैं: विदेशी मुद्रा हवाला, अनियमित फंड ट्रांसफर तथा निर्यात आय की गैर-प्राप्ति की जांच करना, परिसरों की तलाशी लेना, दस्तावेज व डिजिटल उपकरणों को जब्त करना, व्यक्तियों से पूछताछ करना, और उल्लंघन सिद्ध होने पर ‘शो कॉज नोटिस’ जारी करना। गंभीर मामलों में, तीन गुना तक जुर्माना, संपत्ति जब्ती और गिरफ्तारी के प्रावधान भी हैं।
छापेमारी की स्थिति
ईडी की टीमें अभी भी विभिन्न ठिकानों पर दस्तावेजों, लैपटॉप, मोबाइल फोन और बैंकिंग रिकॉर्ड की गहन जांच कर रही हैं। आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़ी और जानकारी के खुलासे होने की पूरी संभावना है। झारखंड में माइनिंग घोटाले, अवैध खनन, और मनी लॉन्ड्रिंग के कई मामलों की जांच के बीच, यह कार्रवाई केंद्र सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जा रही है।
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