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बीजेपी और आरएसएस पर राजद का हमला
रांची: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता कैलाश यादव ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि दोनों संगठनों द्वारा **वंदे मातरम्** को लेकर राष्ट्रभक्ति के नाम पर घटिया और विभाजनकारी राजनीति की जा रही है।
वंदे मातरम् का महत्व
कैलाश यादव ने अपने बयान में स्पष्ट किया, “वंदे मातरम् स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यह नारा क्रांतिकारियों को एकजुट करने और देशभक्ति की भावना को जागृत करने का काम करता था। इसे बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने 1870 के दशक में लिखा था और रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे 1896 में पहली बार गाया। 24 जनवरी 1950 को इसे आधिकारिक रूप से राष्ट्रगीत का दर्जा दिया गया, और यह देश की एकता का प्रतीक बन गया।”
ध्रुवीकरण की राजनीति
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी और आरएसएस इसी वंदे मातरम् का उपयोग करके हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की राजनीति कर रहे हैं, विशेषकर पश्चिम बंगाल और असम में आगामी चुनावों के चलते। यह एक असफल प्रयास है, जिसका उद्देश्य समाज में विभाजन उत्पन्न करना है।
आरएसएस का ऐतिहासिक आरोप
कैलाश यादव ने आरएसएस पर यह आरोप लगाया कि संघ ने हिंदू महासभा के समय में 52 वर्षों तक राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ और तिरंगे झंडे का बहिष्कार किया था। संघ कार्यालयों में आजादी के कई दशकों बाद तक तिरंगा नहीं फहराया गया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में संघ और हिंदू महासभा के विचारधारा वाले लोगों का कोई योगदान नहीं था। अब यही लोग वंदे मातरम् के सहारे नकली राष्ट्रभक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं।
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