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झारखंड में शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का मामला
डेस्क: झारखंड के शिक्षा विभाग में एक गंभीर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जिसमें एक शिक्षक पर वेतन भुगतान के एवज में आठ लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया है। बरौली प्रखंड के खजुरिया पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय हलवाड़ के शिक्षक मोहम्मद ग्यासुद्दीन ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उनका रुका हुआ वेतन जारी किया गया, लेकिन इसके बदले विभाग के अधिकारियों ने बड़ी रकम की मांग की।
वेतन की मांग में बाधा
शिक्षक ग्यासुद्दीन का 2015 से वेतन लॉक था। उन्होंने कई बार विभागीय कार्यालयों का दौरा किया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। अंततः उन्होंने न्यायालय की शरण ली, जहां से उच्च न्यायालय ने उनके वेतन भुगतान का आदेश दिया, जिसके बाद उन्हें करीब 22 लाख रुपये का बकाया वेतन स्वीकृत किया गया। इस बीच, सोशल मीडिया पर कई ऑडियो क्लिप वायरल हुए हैं, जिनमें डीपीओ स्थापना मो. साहेब आलम और उनके सहयोगियों की आवाज़ें सुनाई देती हैं।
ऑडियो क्लिप में धमकी
वायरल क्लिप में कहा जा रहा है कि शिक्षक को वेतन मिलने के बावजूद, आठ लाख रुपये देने की मांग की जा रही है। अगर उन्होंने इस रकम का भुगतान नहीं किया, तो उन्हें गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। इन ऑडियो क्लिप में पैसे लाने के निर्देश सहित कई बातें कही गई हैं। हालांकि इस ऑडियो की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन यह मामला जिले में चर्चा का विषय बन गया है।
शिक्षक के आरोप
शिक्षक ने आरोप लगाया कि अधिकारियों और सहयोगियों ने उन्हें गालियां दीं और मुकदमा करने तथा रिकवरी की कार्रवाई की धमकी दी। उन्होंने बताया कि वेतन जारी होने के बावजूद उनका आगे का वेतन रोक दिया गया और फिक्सेशन की प्रक्रिया को भी रोका गया। इसके बाद, उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी योगेश कुमार को पूरे मामले की जानकारी दी।
कार्रवाई का आश्वासन
डीईओ ने मामला गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने अगले वेतन को सुचारू करने और फिक्सेशन प्रक्रिया को प्रारंभ करने की बात कही है। वायरल ऑडियो की प्रति विधान परिषद सदस्य बंशीधर ब्रजवासी के पास भी पहुंच गई, जिन्होंने इस मुद्दे को सदन में उठाते हुए विभाग के अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
जांच प्रक्रिया शुरू
जिला शिक्षा पदाधिकारी योगेश कुमार ने कहा कि वायरल ऑडियो और शिक्षक के आरोपों की गहन जांच की जा रही है। सभी संबंधित व्यक्तियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी दोषी पाया गया, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और शिक्षक का बकाया वेतन नियमानुसार जारी किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री के गृह जिले में मामला
यह मामला शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के गृह जिले में सामने आया है, जिससे स्थानीय जनता में और आक्रोश बढ़ गया है। शिक्षकों और जनप्रतिनिधियों ने मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है। यह स्थिति शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। मामले की जांच और आगामी कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
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