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पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक असंतोष की लहर
लाहोर। पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) के प्रमुख राजनीतिक कार्यकर्ता, अमजद अयूब मिर्जा, ने क्षेत्र की शासन व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धोखा देने वाला एक सुनियोजित जालसाजी करार दिया। उनके अनुसार, स्थानीय संस्थाएं जैसे विधानसभा, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और न्यायालय केवल दिखावे के लिए हैं। असली सत्ता पाकिस्तान की सेना और इस्लामाबाद के पास स्थित है। मिर्जा ने क्षेत्र में तेजी से बढ़ते आर्थिक संकट और प्राकृतिक संसाधनों के शोषण की कठोर आलोचना की है, और चेतावनी दी है कि जनता अब इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं कर रही है और लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है।
क्षयशील शासन व्यवस्था का खुलासा
मिर्जा का कहना है कि PoJK में सभी संस्थाएं, जैसे विधानसभा, प्रधानमंत्री और सर्वोच्च न्यायालय, शक्तिहीन हैं। उनके अनुसार, विधानसभा न तो कोई कानून बना सकती है और न ही अधिकारियों के तबादले का फैसला कर सकती है। सभी प्रमुख निर्णय इस्लामाबाद के प्रधानमंत्री और सैन्य प्रतिष्ठान द्वारा लिए जाते हैं, जिससे क्षेत्र की स्थानीय संस्थाएं केवल नाम के लिए रह जाती हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह व्यवस्था स्वशासन का भ्रम पैदा करने के लिए जानबूझकर बनाए रखी गई है। उनका सवाल है कि अगर यह विधानसभा शक्तिहीन है, तो शासन का क्या मतलब है?
कठपुतली सरकार की सच्चाई
मिर्जा ने यह भी आरोप लगाया कि इस्लामाबाद PoJK के राजनीतिक नेतृत्व को अपनी इच्छानुसार चलाता है, जिसमें हाल ही में प्रधानमंत्री फैसल राठौर की नियुक्ति एक उदाहरण है। उनके अनुसार, ये नेता केवल कठपुतली होते हैं और उनकी कोई वास्तविक शक्ति नहीं होती। जनसमुदाय इस हकीकत से पूरी तरह अवगत है।
आर्थिक संकट और जनता की नाराजगी
आर्थिक संकट पर मिर्जा का कहना है कि 5 अगस्त 2019 को भारत द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, PoJK के निवासियों को व्यापार ठप होने का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में पुत्र नियंत्रण रेखा के पार व्यापार को रोकने का खामियाजा PoJK के लोगों को भुगतना पड़ा। पहले भारतीय जम्मू-कश्मीर से सस्ती दालें, सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ आते थे, लेकिन अब महंगाई ने लोगों को निराश कर दिया है।
विरोध प्रदर्शनों का बढ़ता सिलसिला
मिर्जा ने शिकायत की कि जनता का असंतोष बढ़ने के कारण संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी लगातार विरोध प्रदर्शन और आम हड़तालें आयोजित कर रही है। कमी और महंगाई की स्थिति को लेकर मिर्जा ने पाकिस्तान और उसकी सेना पर PoJK के प्राकृतिक संसाधनों का व्यवस्थित शोषण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना हमारे नदियों, जंगलों और खनिजों पर पूरी तरह से कब्जा बनाए हुए है, और हर दिन तस्करी करके इन संसाधनों को पाकिस्तान ले जाया जा रहा है।
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