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झारखंड में नल-जल योजना की प्रगति पर चिंता
रांची: केंद्र सरकार से समय पर वित्तीय सहायता न मिलने के कारण झारखंड के कई जिलों में विकास परियोजनाएं अधूरी रह गई हैं। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए बताया कि इस वजह से नल-जल योजना का कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। वर्तमान में इस योजना के तहत 97,535 परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें से 56,386 पूरी की जा चुकी हैं, जबकि अन्य परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। वे संसाधनों की कमी के कारण समय पर पूरी नहीं हो पा रही हैं।
राज्य सरकार का प्रयास
उन्होंने बताया कि केंद्र से अपेक्षित धन की अनुपलब्धता के बावजूद राज्य सरकार ने अपने हिस्से से 1231 करोड़ रुपये की राशि का निवेश करके परियोजनाओं को गति देने का प्रयास किया है।
सांसदों का सवाल
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान, जेएमएम विधायक हेमलाल मुर्मू ने संथाल परगना क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति योजनाओं की स्थिति पर सवाल उठाया। उन्होंने बताया कि कुछ क्षेत्रों में योजनाएं चालू रहने के बावजूद लोगों को पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी नहीं मिल रहा है, जबकि अधूरे कार्यों के लिए ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया है। साथ ही, उन्होंने लिट्टिपाड़ा और डिप्टी पाड़ा प्रखंडों में गंगा नदी से जलापूर्ति की योजना के बारे में पूछताछ की। मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे गंगा नदी से संबंधित जलापूर्ति योजनाओं की सूची संबंधित विधायक को प्रदान करेंगे।
काम में कमी और धन की समस्या
हेमलाल मुर्मू ने आगे बताया कि इन दोनों प्रखंडों में 40 प्रतिशत से अधिक कार्य अधूरे पड़े हैं। मंत्री ने इस बात को स्वीकार किया कि वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण काम की गति धीमी हो गई है।
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