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इजरायल का ईरान पर संभावित हमला, अमेरिकी समर्थन की योजना
वाशिंगटन। इजरायल एक बार फिर ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है, जिसका कारण ईरान का विकसित होता बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम बताया जा रहा है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का 29 दिसंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक का कार्यक्रम है, जिसमें वे इस संबंध में आगे की रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं।
ईरान से बढ़ता खतरा
ईरान के अधिकारियों के अनुसार, ईरान का मिसाइल कार्यक्रम अमेरिकी प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि इजरायल ने पहले भी अमेरिका के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बातचीत की है। हाल ही में दोनों देशों के बीच हुए सैन्य टकराव के बाद, अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया था।
ग्रॉसी की टिप्पणी
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफ़ेल ग्रॉसी ने ईरान के परमाणु ठिकानों तक पहुंच में कठिनाइयों का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि ईरान अपने परमाणु संयंत्रों और वैज्ञानिकों की सुरक्षा के कारण आईएईए पर भरोसा नहीं कर सकता।
अमेरिकी हमले और ईरान की प्रतिक्रिया
गौरतलब है कि इजरायल और ईरान के बीच जून 2025 में तनाव बढ़ गया था। इजरायल ने ईरान पर खुफिया परमाणु कार्यक्रम चलाने का आरोप लगाया, जिसे ईरान ने अस्वीकार किया। 13 जून को इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिसके बाद अमेरिका ने भी नतांज़, इस्फ़ाहन और फोर्डाे के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए।
आईएईए का सहयोग वापस लेना
इन हमलों के बाद, ईरान ने आईएईए के साथ अपने सहयोग को रोक दिया। ईरान ने इस कदम के पीछे गतिरोध को मुख्य कारण बताया, साथ ही आईएईए द्वारा इजरायली और अमेरिकी हमलों की निंदा न करने की बात भी की। इस बीच, आईएईए लगातार ईरान से अपने निरीक्षकों को देश में वापस लाने का आग्रह कर रहा है।
इन घटनाक्रमों के बीच, एक बार फिर से क्षेत्र में तनाव बढता दिख रहा है, जिससे वैश्विक सुरक्षा पर नया दवाब बनने की संभावना है।
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