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नक्सली रोया कालुंडी का सरेंडर
झारखंड राज्य के राउरकेला में 12 साल की उम्र में नक्सली बनने वाले रोया कालुंडी ने आत्मसमर्पण कर दिया है। उन्होंने सुरक्षा बलों के समक्ष अपनी पूरी जीवन कहानी साझा की, जिसमें आतंकवादी गतिविधियों में उनकी भागेदारी और उनके द्वारा अनुभव किए गए संघर्ष का उल्लेख किया।
नक्सली गतिविधियों में भागीदारी
रोया कालुंडी ने अपनी नक्सली गतिविधियों का आरम्भ बहुत कम उम्र में किया था, जिसके चलते उन्होंने कई बड़े नक्सली कांडों में भाग लिया। उनका कहना है कि उन पर नक्सलियों की ओर से दबाव था, जिसके चलते वह इन गतिविधियों में शामिल हुए।
सुरक्षा बलों की पहल
सरकार और सुरक्षा बलों ने इस तरह के आत्मसमर्पण के लिए एक मंच प्रदान किया है। यह पहल उन युवाओं के लिए है जो नक्सली गतिविधियों से बाहर निकलना चाहते हैं और मुख्यधारा में लौटकर एक नई जिंदगी जीना चाहते हैं।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
रोया का आत्मसमर्पण स्थानीय समुदाय में चर्चा का विषय बन गया है। कई लोग इसे सकारात्मक बदलाव के रूप में देख रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि अधिक युवा इस तरह के कदम उठाएंगे।
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