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सिमडेगा में विश्व एड्स दिवस पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन
सिमडेगा: झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सिमडेगा ने सोमवार को एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर एक विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में एचआईवी/एड्स की रोकथाम, बचाव के उपाय, सुरक्षित व्यवहार और संक्रमित व्यक्तियों के कानूनी अधिकारों पर चर्चा की गई।
जागरूकता का महत्व
कार्यक्रम में वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि **जागरूकता** एचआईवी से बचाव का सबसे प्रभावशाली उपाय है। एएनएम विद्यालय की अध्यापिका ने प्रतिभागियों को जानकारी दी कि एचआईवी कोई अभिशाप नहीं है, बल्कि यह एक प्रबंधनीय चिकित्सा स्थिति है। वर्तमान में उपलब्ध **एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी)** के कारण संक्रमित व्यक्ति सामान्य और दीर्घकालिक जीवन जी सकते हैं। उन्होंने नियमित जांच, सुरक्षित यौन संबंध, सुई-सिरिंज का साझा न करना और रक्ताधान से पूर्व स्क्रीनिंग की आवश्यकता पर बल दिया।
एड्स के प्रति जागरूकता फैलाना
एएनएम प्रशिक्षणार्थी छात्राओं ने रंग-बिरंगे पोस्टर, स्लोगन और नारे के माध्यम से एड्स के प्रति जागरूकता का संदेश फैलाया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रतिनिधियों ने एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों के कानूनी अधिकारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को सम्मान, गोपनीयता और समानता का पूर्ण अधिकार है। किसी भी प्रकार का भेदभाव या कलंक कानूनन दंडनीय अपराध है। उन्होंने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार जरूरतमंदों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करता है।
सुरक्षित जीवनशैली का प्रचार
पारा लीगल वॉलेंटियर्स ने सभी प्रतिभागियों से नियमित जांच और सुरक्षित जीवनशैली अपनाने की अपील की। कार्यक्रम में दीपक कुमार, पुनिता कुमारी, सोनिया टोप्पो, कुशल गुड़िया, गोबर्धन ठाकुर, योगेंद्र पंडा सहित एएनएम की छात्राएं एवं स्टाफ उपस्थित रहे।
अन्य जागरूकता शिविर
इसी संदर्भ में जिले के विभिन्न विधिक सहायता क्लिनिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप-केंद्रों में भी विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता शिविर आयोजित किए गए। प्राधिकार की सचिव मरियम हेमरोम ने बताया कि लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और भेदभाव को दूर करने के लिए ये कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
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