Table of Contents
राहुल गांधी का आरोप: विदेशी अतिथियों से मिलने में बाधा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार विदेशी मेहमानों को विपक्ष के नेता से मिलने की अनुमति नहीं देती। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह की सरकारों के दौरान यह परंपरा बरकरार थी, लेकिन वर्तमान में ऐसा नहीं हो रहा है। इस मुद्दे पर भाजपा सांसद कंगना रनौत ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की देशभक्ति पर सवाल उठाए और सलाह दी कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
कंगना रनौत की प्रतिक्रिया
कंगना रनौत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “सरकार के अपने नीतिगत निर्णय होते हैं। अटल जी एक राष्ट्रीय संपत्ति थे और देश उन पर गर्व करता था। लेकिन राहुल गांधी की देश के प्रति भावनाएं संदिग्ध हैं। अगर वे अटल जी से अपनी तुलना कर रहे हैं, तो मेरे पास एक सुझाव है – वे भाजपा ज्वाइन करें।” उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी भी अटल जी जैसे नेता बन सकते हैं।
राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि जब विदेशी मेहमान भारत आते हैं, तो उन्हें विपक्ष के नेता से मिलने का अवसर नहीं दिया जाता। उन्होंने यह भी बताया कि यह परंपरा मोदी सरकार के आने से पहले तक कायम थी। उनका मानना है कि विपक्ष का नेता एक अलग दृष्टिकोण प्रदान करता है और उसे विदेशी अतिथियों से मिलना चाहिए।
सोचने का मौका
राहुल गांधी ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की यात्रा के संदर्भ में यह भी कहा कि ये मुलाकातें आमतौर पर होती थीं। उन्होंने कहा, “सरकार और विदेश मंत्रालय इस परंपरा का पालन नहीं कर रहे हैं। जब मैं विदेश जाता हूं तो मुझे बताया जाता है कि सरकार ने निर्देश दिए हैं कि इन मेहमानों से नहीं मिलना है।” इसके साथ ही उन्होंने यह संकेत भी दिया कि सरकार केवल अपने लोग ही नहीं, बल्कि विपक्ष को भी प्रतिनिधित्व देने में बाधा डाल रही है।
शशि थरूर का समर्थन
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोकतंत्र में गणमान्य मेहमानों से मिलने की अनुमति देना एक सकारात्मक कदम है। यह विचार लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाता है और सभी पक्षों के लिए संवाद का मार्ग प्रशस्त करता है।
Have any thoughts?
Share your reaction or leave a quick response — we’d love to hear what you think!
