Table of Contents
झारखंड हाईकोर्ट ने ईचागढ़ में तरुण महतो के मामले में उठाई सख्त आवाज
रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने ईचागढ़ में जेएलकेएम के नेता तरुण महतो की पिटाई से गंभीरता से घायल होने की घटना का गंभीरता से मुआयना करते हुए कड़े कदम उठाए हैं। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने पीड़ित की पत्नी द्वारा भेजी गई चिट्ठी पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में परिवर्तित कर दिया। इस मामले में मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी, एसपी और डीएसपी सरायकेला को नोटिस जारी किया गया है, जिसे राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने स्वीकार किया।
सरायकेला के एसपी को दिए गए निर्देश
खंडपीठ ने इस मामले में पुलिस का रुख देखने के लिए सरायकेला-खरसवां के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि वे केस का रिकॉर्ड और सीसीटीवी कैमरा का डीवीआर लेकर व्यक्तिगत रूप से पेश हों। यह सख्त कार्रवाई घटना की गंभीरता को दर्शाती है।
हेमंत सोरेन की पेशी और सुनवाई की अगली तिथि
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज MP-MLA कोर्ट में पेश होंगे, जहां ईडी के समन की अवहेलना के मामले पर सुनवाई होगी। मामले की अगली सुनवाई की तिथि खंडपीठ ने आठ दिसंबर निर्धारित की है।
चिट्ठी के अंतर्गत आरोप
आदित्यपुर क्षेत्र की रहने वाली भानुमति कुमारी ने राष्ट्रपति को एक पत्र भेजा था, जिसकी प्रति उन्होंने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भी भेजी थी। इस पत्र में आरोप लगाया गया था कि ईचागढ़ थाना पुलिस ने तरुण कुमार महतो को उठाया और उनका निर्मम तरीके से शारीरिक शोषण किया। इसके परिणामस्वरूप तरुण कुमार महतो गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। बताया जाता है कि तरुण कुमार महतो जेएलकेएम के नेता हैं।
Have any thoughts?
Share your reaction or leave a quick response — we’d love to hear what you think!
