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चाईबासा में शव वाहन की खरीद का निर्णय
रांची: चाईबासा में एक पिता द्वारा अपने बच्चे का शव थैले में ले जाने की घटना के बाद राज्य सरकार की सक्रियता बढ़ी है। मीडिया में इस घटना की चर्चा होने के बाद, राज्य सरकार ने मामले की जांच करने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के निर्देश पर अब सभी जिला अस्पतालों में चार-चार मोक्ष वाहन (शव वाहन) खरीदे जाएंगे।
मोक्ष वाहनों की खरीद की प्रक्रिया
मंत्री ने विभाग को आदेश दिया है कि मोक्ष वाहनों की खरीद प्रक्रिया एक माह के भीतर पूरी की जाए। इस योजना पर 15 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि किसी भी परिवार को कठिन समय में अनुपयुक्त या अमानवीय परिस्थितियों का सामना न करना पड़े।
घटना की स्पष्टता
स्वास्थ्य मंत्री ने चाईबासा की घटना को लेकर कहा कि यह मामला जानबूझकर गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए बताया कि रिपोर्ट में यह स्पष्ट है कि मृत बच्चा चार माह का था, जबकि उसे चार वर्ष का बताया گیا था।
एंबुलेंस और मोक्ष वाहनों का अंतर
मंत्री ने बताया कि कुछ राजनीतिक दल और असामाजिक तत्व इस मामले में भ्रम फैला रहे हैं। सही तथ्य यह है कि 108 एंबुलेंस मरीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए होती हैं, जबकि मोक्ष वाहन शवों के परिवहन के लिए होते हैं। जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अस्पताल में दो शव वाहन मौजूद थे, जिनमें से एक खराब था, जबकि दूसरा कहीं और व्यस्त था।
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