Table of Contents
इंदौर अदालत का महत्वपूर्ण फैसला: कांग्रेस नेताओं को मिली राहत
इंदौर समाचार: इंदौर की विशेष अदालत (MP-MLA Court) ने कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को एक महत्वपूर्ण कानूनी मामले में राहत प्रदान की है। अदालत ने कोविड-19 महामारी के दौरान कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन करने के मामले में आरोपित नेताओं जीतू पटवारी, संजय शुक्ला, विशाल पटेल और विनय बाकलीवाल को निर्दोष ठहराया है।
जून 2020 की घटनाएं
बता दें कि जून 2020 में भारत कोविड-19 संक्रमण और लॉकडाउन की स्थिति से गुजर रहा था। इस दौरान इंदौर के राजवाड़ा में स्थित देवी अहिल्या प्रतिमा के नीचे तत्कालीन कांग्रेस विधायकों ने एक धरना प्रदर्शन किया था।
पुलिस का मामला और आरोप
सराफा थाना पुलिस ने आरोप लगाया कि इन नेताओं ने बिना अनुमति भीड़ इकट्ठा की, जिससे तत्कालीन कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी धारा 144 के आदेशों का उल्लंघन हुआ। इसके बाद, पुलिस ने भादवि की धारा 188 और 34 के तहत मामला दर्ज किया था।
कोर्ट में पुलिस की जाँच की कमज़ोरी
विशेष न्यायाधीश श्री देव कुमार की अदालत में सुनवाई के दौरान, पुलिस के मामले में कई गंभीर कमियां उजागर हुईं, जो बचाव पक्ष के लिए जीत का आधार बनीं।
अन्यथा गवाहों की कमी
राजवाड़ा जैसे सार्वजनिक स्थल पर हुई इस घटना में पुलिस ने किसी आम नागरिक को गवाह नहीं बनाया। सभी गवाह केवल सराफा थाने के पुलिसकर्मी थे, जिससे निष्पक्षता पर प्रश्न उठता है।
तकनीकी साक्ष्यों का अभाव
पुलिस ने दावा किया कि प्रदर्शन की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई थी, लेकिन अदालत में कोई भी वीडियो साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया।
स्पष्टता की कमी
गवाही के दौरान, पुलिसकर्मी यह स्पष्ट नहीं कर पाए कि नेताओं की मांगें क्या थीं और धरने में कितने लोग शामिल थे।
वकीलों की दलीलें
नेताओं की ओर से पैरवी करते हुए वकील सौरभ मिश्रा और जय हार्डिया ने अदालत को बताया कि यह मामला राजनीतिक रूप से प्रेरित था। पुलिस साक्ष्य प्रस्तुत करने में असफल रही कि वहां कोई आदेश का उल्लंघन हुआ या जनहानि का खतरा उत्पन्न हुआ। इन सब बातों को देखते हुए अदालत ने सभी चारों नेताओं को बरी करने का फैसला लिया।
Have any thoughts?
Share your reaction or leave a quick response — we’d love to hear what you think!
