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भारत और साउथ अफ्रीका के बीच तीसरा टी-20 मुकाबला
स्पोर्ट्स: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच चल रही पांच मैचों की टी-20 श्रृंखला का तीसरा मैच धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (HPCA) स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा है। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया है, जिससे साउथ अफ्रीका की टीम पहली बार बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरेगी।
टीम में बदलाव
प्लेइंग-11 से बुमराह और अक्षर बाहर
भारत की प्लेइंग-11:
अभिषेक शर्मा, शुभमन गिल, सूर्यकुमार यादव (कप्तान), तिलक वर्मा, हार्दिक पांड्या, शिवम दुबे, जितेश शर्मा, हर्षित राणा, अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती।
साउथ अफ्रीका की प्लेइंग-11:
रीजा हेंड्रिक्स, क्विंटन डी कॉक, एडेन मार्करम, डेवाल्ड ब्रेविस, ट्रिस्टन स्टब्स, डोनोवन फरेरा, मार्को जानसेन, कॉर्बिन बॉश, एनरिक नोर्किया, लुंगी एनगिडी और ओटनील बार्टमैन।
धर्मशाला स्टेडियम का टी20 रिकॉर्ड
धर्मशाला के HPCA स्टेडियम में अब तक 10 अंतरराष्ट्रीय टी20 मुकाबले खेले जा चुके हैं। इनमें से कुछ में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने जीत दर्ज की है, जबकि अन्य में चेज करने वाली टीम सफल रही है। इस मैदान पर औसत स्कोर 137 से 150 के बीच रहता है, हालाँकि ऊंचाई के कारण गेंद तेजी से उड़ती है जिससे बड़े स्कोर बनाना संभव है। यहां सर्वाधिक स्कोर 200 रन है, जो दक्षिण अफ्रीका ने 2015 में भारत के खिलाफ चेज करते हुए बनाया था।
टीम इंडिया का धर्मशाला में टी20 रिकॉर्ड
भारतीय टीम ने इस स्टेडियम में कुल 3 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं, जिनमें से 2 में जीत हासिल की है और केवल 1 में हार मिली है। वह एकमात्र हार 2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आई थी, जब भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अच्छा स्कोर बनाया था। हालाँकि, अफ्रीकी टीम ने इसे आसानी से चेज कर लिया। उस मैच में रोहित शर्मा ने शानदार शतक लगाई थी, जो इस मैदान पर भारतीय फैंस के लिए एक यादगार क्षण है। कुल मिलाकर भारत का यहां रिकॉर्ड मजबूत है और घरेलू समर्थन के साथ टीम को बढ़त हासिल करने की उम्मीद है।
पिच और मौसम का असर
धर्मशाला की पिच संतुलित है, जहां तेज गेंदबाजों को उछाल और स्विंग मिलता है, जबकि बल्लेबाज सेट होने पर बड़े शॉट्स खेल सकते हैं। मैदान की सीमाएँ छोटी हैं, जिससे हाई स्कोरिंग मैच की गुंजाइश बनी रहती है। दिसंबर में शाम का मैच होने के कारण ठंड और ओस का असर भी देखने को मिल सकता है। ओस के कारण दूसरी पारी में बल्लेबाजी आसान हो जाती है, इसलिए टॉस जीतने वाली टीम अक्सर पहले गेंदबाजी करना पसंद करती है।
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