Table of Contents
अंडर-19 एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मुकाबले से पहले हैंडशेक को लेकर नया विवाद उत्पन्न हुआ है। पिछले अनेक टूर्नामेंटों में, भारतीय टीम ने पवेलगाम आतंकवादी हमले के शिकारों के प्रति एकजुटता दर्शाते हुए पाकिस्तान टीम से हाथ मिलाने से मना कर दिया था। अब आईसीसी की पहल है कि जूनियर क्रिकेट को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त रखा जाए और सामान्य प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। इस बीच, बीसीसीआई ने अपने प्रबंधक को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं और अंतिम निर्णय टीम इंडिया पर छोड़ दिया गया है।
हैंडशेक विवाद की पृष्ठभूमि
पिछले साल एशिया कप के दौरान, भारतीय पुरुष टीम ने पाकिस्तान से हाथ न मिलाकर अपने रुख को स्पष्ट कर दिया था। इसके बाद महिला विश्व कप और राइजिंग स्टार्स टूर्नामेंट में भी यही परंपरा कायम रही। इसी पृष्ठभूमि में, आईसीसी अब जूनियर स्तर पर इसे राजनीति से जोड़कर नहीं देखना चाहता।
आईसीसी की अपील और सामान्य प्रोटोकॉल की आवश्यकता
समाचार स्रोतों के अनुसार, आईसीसी ने अपील की है कि भारत और पाकिस्तान के युवा खिलाड़ियों के बीच मैच के दौरान खेल भावना के तहत सामान्य हैंडशेक प्रक्रिया को अपनाया जाए। संगठन का कहना है कि जूनियर क्रिकेट को बाहरी दबावों और राजनीतिक संदेशों से मुक्त रखना महत्वपूर्ण है।
बीसीसीआई का सख्त दिशा-निर्देश और प्रबंधक की भूमिका
बीसीसीआई ने टीम मैनेजर आनंद दातार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हैंडशेक संबंधी निर्णय को मैच रेफरी को पहले से सूचित किया जाए। बोर्ड का मानना है कि किसी भी भ्रम से बचने के लिए प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक है।
भारतीय टीम के भीतर चर्चा और खिलाड़ियों की स्थिति
सूत्रों के अनुसार, भारतीय खिलाड़ियों को अभी तक कोई औपचारिक निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। हालांकि, टीम प्रबंधन बीसीसीआई के दिशा-निर्देशों का पालन करेगा। इस मुद्दे को लेकर टीम में अभी भी अनिश्चितता का माहौल है, लेकिन अंतिम निर्णय मैच से पहले लिया जाएगा।
रविवार को होने वाला भारत-पाकिस्तान मुकाबला
भारत अपने एशिया कप का पहला मुकाबला यूएई के खिलाफ खेलकर, रविवार को पाकिस्तान का सामना करेगा। वैभव सूर्यवंशी और कप्तान आयुष म्हात्रे उत्कृष्ट फॉर्म में हैं। मंगहर ने घरेलू टी20 टूर्नामेंट में लगातार सेंचुरी बनाई है, जबकि सूर्यवंशी सबसे युवा शतकवीर के रूप में प्रशंसा बटोर रहे हैं।
Have any thoughts?
Share your reaction or leave a quick response — we’d love to hear what you think!
