नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में विधायक हुमायूं कबीर अब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को सीधे चुनौती देते नजर आ रहे हैं। उन्होंने न केवल एक नई पार्टी बनाने की घोषणा की है, बल्कि 135 सीटों पर चुनाव लड़ने की भी योजना बनाई है। कबीर का राजनीतिक करियर 20 से अधिक वर्षों का है और वे करोड़पति हैं। उन्होंने टीएमसी और भारतीय जनता पार्टी जैसे विभिन्न दलों में सक्रियता दिखाई है।
हुमायूं कबीर की संपत्ति
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार, कबीर के पास कुल 3 करोड़ 7 लाख 42 हजार 300 रुपये की संपत्ति है, जिसमें 96 लाख 75 हजार 930 रुपये की चल संपत्ति और 2 करोड़ 10 लाख 66 हजार 370 रुपये की अचल संपत्ति शामिल है। ये आंकड़े पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में दाखिल हलफनामे से लिए गए हैं।
उनके पास एक टाटा स्टॉर्म सफारी कार और 80 ग्राम सोने की 3 लाख 95 हजार रुपये की संपत्ति भी है। इसके अतिरिक्त, उनके पास कृषि भूमि भी है।
कौन हैं हुमायूं कबीर
हुमायूं कबीर, जो कभी कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के करीबी सहयोगी माने जाते थे, ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी। कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने पंचायत चुनाव में भाग लिया। हालांकि, 20 नवंबर, 2012 को उन्होंने टीएमसी में शामिल होने का निर्णय लिया।
कांग्रेस छोड़ने के बाद, टीएमसी में उन्हें मंत्री बनाया गया, लेकिन रेजिनानगर विधानसभा उपचुनाव हारने के कारण उन्हें पद से हटना पड़ा। 2015 में, उन्होंने ममता बनर्जी पर अपने भतीजे को ‘राजा’ बनाने के प्रयास करने का आरोप लगाया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें छह साल के लिए पार्टी से बाहर रखा गया। बाद में, वे समय-समय पर समाजवादी पार्टी और भाजपा में भी शामिल हुए। 2020 में, उन्होंने टीएमसी में वापसी की।
दलों का मांगा समर्थन
पिछले एक महीने में, कबीर ने एक नए धर्मनिरपेक्ष गठबंधन की बात की है और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तथा ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के साथ संभावित सहयोग की संभावना पर चर्चा की है। उन्होंने मुर्शिदाबाद, मालदा, नदिया और 24 परगना जिलों में हेलीकॉप्टर दौरे की योजना भी बनाई है।
कबीर ने मीडिया को जानकारी दी कि वे 22 दिसंबर को अपनी पार्टी की घोषणा करेंगे और AIMIM के साथ गठबंधन की कोशिशों की बात कही है। उनके अनुसार, 135 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करना चुनावी परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वे मुसलमानों के लिए काम करने वाली पार्टी स्थापित करेंगे।
ममता बनर्जी को सीधी चुनौती
कबीर ने हाल ही में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सीधे चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी मुख्यमंत्री नहीं रह सकेंगी। कबीर के अनुसार, 2026 में ममता बनर्जी को पूर्व मुख्यमंत्री का खिताब प्राप्त होगा और वे शपथ नहीं लेंगी। इस क्रम में उन्होंने टीएमसी से इस्तीफा देने की भी बात की।
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