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फिल्मों में इंटीमेट सीन की शूटिंग कैसे होती है?
मुंबई। फिल्मों में कई बार आपको किसिंग सीन या इंटीमेट सीन देखने को मिलते हैं। कुछ सीन तो बेहद बोल्ड होते हैं जबकि कुछ में न्यूड सीन का भी समावेश होता है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि इन सीन की शूटिंग कैसे की जाती है? यदि कोई एक्टर अपने कम्फर्ट लेवल में नहीं है, तो ऐसे सीन कैसे शूट होते हैं? चलिए जानते हैं इस प्रक्रिया के बारे में।
एक्टर्स की मर्जी और सहमति
किसी भी फिल्म के सीन की शूटिंग से पहले सबसे जरूरी है एक्टर्स की सहमति। उनकी मर्जी के बिना कोई भी सीन नहीं शूट किया जाता।
किसिंग सीन और मिरर का उपयोग
किसिंग सीन की शूटिंग करते समय, अगर कोई एक्टर कम्फर्टेबल नहीं है, तो उनके बीच एक शीशा रखा जाता है। दोनों एक्टर्स पहले इस शीशे को किस करते हैं और बाद में एडीटिंग के जरिए शीशे को हटा दिया जाता है। इस तरह दर्शकों को ऐसा लगता है कि दोनों असल में किस कर रहे हैं।
टॉपलेस सीन के लिए सिलिकॉन पैड
यदि किसी एक्ट्रेस का टॉपलेस सीन होता है, तो इस स्थिति में सिलिकॉन पैड का उपयोग किया जाता है, जिससे उन्हें आरामदायक महसूस होता है।
क्रोमा शॉट का महत्व
इस तरह के विशेष सीन को शूट करने के लिए क्रोमा शॉट भी अपनाया जाता है। इसमें ब्लू और ग्रीन कवर का इस्तेमाल किया जाता है, और बाद में एडीटिंग के द्वारा उन्हें हटाया जाता है। इस प्रक्रिया से सीन अधिक पेशेवर रूप में सामने आता है और आर्टिस्ट भी मानसिक तौर पर आरामदायक रहते हैं।
इंटीमेसी कोऑर्डिनेटर की भूमिका
सेट पर अब इंटीमेसी कोऑर्डिनेटर, डायरेक्टर और कैमरापर्सन की टीम होती है। हाल के समय में इंडस्ट्री में कई बदलाव आए हैं, जिनमें इंटीमेसी डायरेक्टर की नियुक्ति शामिल है। ये एक्टर्स को बोल्ड सीन के लिए मार्गदर्शन करते हैं और उनकी सहायता करते हैं।
शूटिंग के लिए नियम और बॉडी डबल
इंटीमेसी कोऑर्डिनेटर एक्टर्स को कुछ नियम समझाते हैं कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं। कई बार बॉडी डबल का भी प्रयोग किया जाता है, जिसमें पहले एक्टर का क्लोज-अप लिया जाता है और बाद में बॉडी डबल का साइड या बैक सीन लिया जाता है।
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