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मलयालम सिनेमा के दिग्गज श्रीनिवासन का निधन
मायानगरी से बुरी खबरों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, और अब मलयालम सिनेमा से एक अत्यंत दुखद समाचार सामने आया है। वरिष्ठ अभिनेता, लेखक, निर्देशक और निर्माता श्रीनिवासन का निधन हो गया है। उनकी उम्र 69 वर्ष थी।
निधन की जानकारी
श्रीनिवासन का निधन शनिवार को हुआ। वह लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे और केरल के एर्नाकुलम जिले के उदयमपेरूर में अपने घर पर उपचार करा रहे थे। अचानक उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें त्रिप्पुनिथुरा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
परिवार और विरासत
श्रीनिवासन के निधन से उनके परिवार में गहरा शोक छा गया है। उनके प्रशंसक भी सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उन्होंने अपनी पत्नी और दो बेटों को पीछे छोड़ा है, जो दोनों फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हैं।
जीवन और शिक्षा
श्रीनिवासन का जन्म 6 अप्रैल 1956 को केरल के थालास्सेरी के पास पट्टयम में हुआ था। वह अपने पिता, जो एक स्कूल शिक्षक थे, और मां, जो गृहिणी थीं, के परिवार में बड़े हुए। उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कादिरूर में की और मट्टानूर के पीआरएनएसएस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने चेन्नई के फिल्म और टेलीविजन संस्थान से फिल्म अध्ययन किया।
करियर की शुरुआत
श्रीनिवासन ने अपने करियर की शुरुआत 1977 में पी.ए. बैकर की फिल्म ‘मणिमुझक्कम’ से की थी। उन्होंने मलयालम सिनेमा में स्क्रीनप्ले लेखक के रूप में अपने करियर की शुरूआत की और 80 के दशक में आम आदमी की समस्याओं को दर्शाने वाली कहानियाँ लिखीं।
ऐतिहासिक फिल्में
श्रीनिवासन की रचनाएँ जैसे “संधेशम”, “चिंथाविष्टायाया श्यामला”, और “वडक्कुनोक्कीयंत्रम” आज भी याद की जाती हैं। उन्होंने हास्य को केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि विचारों को जन्म देने का माध्यम बनाया।
अवार्ड्स और प्रशंसा
श्रीनिवासन ने अपने करियर में अनेक पुरस्कार प्राप्त किए, जिनमें एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, दो फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण, और छह केरल राज्य फिल्म पुरस्कार शामिल हैं।
व्यक्तिगत जीवन
श्रीनिवासन ने विमला से विवाह किया था, जो हमेशा उनके समर्थन में खड़ी रहीं। उनके दोनों बेटे, विनीत और ध्यान, फिल्म उद्योग में सक्रिय हैं। विनीत ने ‘मलारवाड़ी आर्ट्स क्लब’, ‘थट्टथिन मरयथु’, और ‘हृदयम’ जैसी सफल फिल्मों का निर्देशन किया है, जबकि ध्यान ने अपने भाई के साथ ‘थिरा’ जैसी फिल्मों में काम किया है।
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