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झारखंड में कफ सिरप तस्करी के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्रवाई
डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कफ सिरप तस्करी के सिंडिकेट के खिलाफ शुक्रवार को व्यापक छापेमारी की। इस कार्रवाई में रांची, लखनऊ, वाराणसी, अहमदाबाद, जौनपुर और सहारनपुर के 25 स्थानों पर छापे मारे गए। लखनऊ में बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह के आवास पर भी ईडी ने जांच की। इसके अलावा, रांची में शैली ट्रेडर्स के ठिकानों पर छापे मारे गए। शैली ट्रेडर्स के मालिक भोला प्रसाद इस मामले में मुख्य आरोपी हैं। उनके बेटे शुभम जायसवाल को इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। जबकि शुभम का करीबी सहयोगी अमित सिंह टाटा को गिरफ्तार किया गया है, शुभम अभी भी फरार है। इस मामले में 2024 में धनबाद के बरवड्डा थाना में मामला दर्ज किया गया था, जिसे झारखंड पुलिस की अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने टेकओवर किया था। लेकिन सीआईडी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
नशीली कफ सिरप रैकेट की गहराई में मिलीभगत
कल के छापों के दौरान यह भी सामने आया कि एबॉट कंपनी के अधिकारियों की संलिप्तता इस नशीली कफ सिरप रैकेट में है। धनबाद की देवकृपा मेडिकल एजेंसी भी जांच की जद में आई है। गिरफ्तार अमित सिंह ‘टाटा’ के कबूलनामे से इस तस्करी का 100 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध कारोबार उजागर हुआ है। बरवड्डा पुलिस ने गुजरात पुलिस की सूचना पर 25,000 बोतल फेंसाडाइल कफ सिरप जब्त किया था, जो कि हेरोईन जैसा प्रभाव डालता है। धनबाद पुलिस से पहले ही सीआईडी ने केस की जिम्मेदारी ले ली थी, जिसके बाद कार्रवाई ठप हो गई थी।
वाराणसी का शुभम जायसवाल और तस्करी का नेटवर्क
जानकारी के अनुसार, शुभम जायसवाल का ड्रग कार्टल झारखंड में तेजी से फैल रहा है। रांची स्थित शैली ट्रेडर्स नशीले कफ सिरप का प्रमुख सप्लायर बन चुका है। इसके गोदाम से झारखंड समेत अन्य राज्यों में इस कफ सिरप की सप्लाई की जाती रही है। ईडी की जांच में यह सामने आया है कि शैली ट्रेडर्स ने देशभर में कफ सिरप की अवैध सप्लाई की है, परंतु इसके खिलाफ किसी भी प्रशासनिक कार्रवाई की अनुपस्थिति आश्चर्यजनक है।
बूथ पर सुरक्षा और प्रशासनिक समर्थन के सवाल
रांची में पुलिस और ड्रग कंट्रोल विभाग की अनदेखी गंभीर सवाल उठाती है। शैली ट्रेडर्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के पीछे किस पुलिस अधिकारी का संरक्षण था? ईडी इस मामले में गहराई से जांच कर रही है कि रांची के ड्रग इंस्पेक्टर ने प्राथमिकी केवल तब दर्ज की, जब मामला बनारस में दर्ज हुआ। यह दर्शाता है कि सत्ता में बैठे कुछ उच्च अधिकारियों द्वारा इस तस्करी के खिलाफ आवश्यक कदम उठाने में ढिलाई की गई है।
मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी
इस अवैध कारोबार का मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल है, जो फिलहाल फरार है और कथित तौर पर दुबई में छिपा हुआ है। पुलिस ने शुभम के दो प्रमुख सहयोगियों, अमित सिंह टाटा और सिपाही आलोक सिंह सहित 32 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में शुभम का पिता भोला प्रसाद भी शामिल हैं, जो झारखंड में कोडिन का अवैध कारोबार भी कर रहा था।
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