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झारखंड में 307 करोड़ रुपये के MLM घोटाले में आरम्भिक गिरफ्तारी
रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 307 करोड़ रुपये के बहुचर्चित मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) घोटाले के सिलसिले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मैक्सीजोन टच प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक चंदर भूषण सिंह और उनकी पत्नी प्रियंका सिंह को गिरफ्तार किया है। दोनों को 16 दिसंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत रांची जोनल कार्यालय की टीम द्वारा हिरासत में लिया गया।
जांच का निष्कर्ष
ED की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि आरोपियों ने एक फर्जी एमएलएम योजना के माध्यम से आम जन को हर महीने आकर्षक मुनाफा और रेफरल लाभ का लालच देकर निवेश करने के लिए प्रेरित किया। इस योजना के तहत कम से कम 21 बैंक खातों के जरिए 307 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध राशि इकट्ठा की गई।
गिरफ्तारी के पीछे की रणनीतियाँ
जांच एजेंसी ने बताया कि रकम जुटाने के बाद आरोपी दंपती जनता का पैसा लेकर फरार हो गए थे। पिछले तीन वर्षों से वे झारखंड, राजस्थान और असम पुलिस समेत विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचते रहे। यह भी सामने आया है कि उन्होंने अवैध धन को रियल एस्टेट में निवेश कर बेनामी संपत्तियां खरीदीं और बड़ी मात्रा में नकद में बदल दिया। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी ने फर्जी पहचान पत्रों का उपयोग किया, और ‘दीपक सिंह’ नाम से भी उनकी गतिविधियों के सबूत प्राप्त हुए हैं।
पूर्व की संपत्तियों की छापेमारी
ED ने इस मामले में झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में दर्ज कई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। इन एफआईआर में कंपनी और उसके निदेशकों पर आम जनता के साथ धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इससे पहले, ED ने 16 सितंबर और 3 दिसंबर 2025 को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, वैशाली (बिहार), मेरठ, रांची और देहरादून में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की थी।
बरामदगी और आगे की कार्रवाई
तलाशी के दौरान फर्जी पहचान पत्र, लेन-देन से जुड़ी डायरी और नोट्स, 10 लाख रुपये से अधिक नकद, कई संस्थाओं की चेकबुक, लैपटॉप, मोबाइल फोन, लगभग 15 हजार यूएसडीटी मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी और बड़ी संख्या में रियल एस्टेट से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए। गिरफ्तार आरोपी चंदर भूषण सिंह को रांची की विशेष पीएमएलए अदालत ने पांच दिन की ED हिरासत में भेज दिया है। मामले की आगे की जांच जारी है।
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