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कांग्रेस का मनरेगा नाम परिवर्तन के खिलाफ प्रदर्शन
भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना का नाम बदलकर “विकसित भारत गारंटी रोजगार आजीविका मिशन ग्रामीण (VB-G-RAM-G)” रखने के निर्णय ने मध्य प्रदेश में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। इस निर्णय के खिलाफ कांग्रेस अब सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने 5 जनवरी से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर से पदयात्रा की शुरुआत करने की घोषणा की है। यह यात्रा केवल नाम परिवर्तन का विरोध नहीं, बल्कि गांधी के विचारों और गरिमा की रक्षा का आंदोलन होगी।
दिग्विजय सिंह का बयान
दिग्विजय सिंह ने सीहोर में मीडिया से बातचीत में कहा कि यह संघर्ष किसी पार्टी का नहीं, बल्कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आत्मा की रक्षा की लड़ाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार योजनाओं से गांधी के नाम को मिटाने का प्रयास कर रही है, जो देश के इतिहास और आत्मा पर सीधा हमला है। पदयात्रा किसी ग्राम पंचायत से शुरू होगी, ताकि ग्रामीण भारत की आवाज सीधे दिल्ली तक पहुंच सके। मनरेगा योजना विशेष रूप से गरीबी से जूझ रहे परिवारों के लिए रोजगार और सम्मान की एक सुनिश्चितता है।
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस का कहना है कि मनरेगा का नाम परिवर्तन एक प्रशासनिक उपाय नहीं, बल्कि एक वैचारिक हमला है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार महात्मा गांधी का नाम हटाकर उस ऐतिहासिक संदर्भ को मिटाने का प्रयास कर रही है, जिसने देश को आज़ादी दिलाने में मदद की। लोकसभा में इस परिवर्तन से जुड़ा बिल पारित होते ही कांग्रेस ने इसे गांधी विरोधी कदम करार दिया है। दिग्विजय सिंह ने पूछा कि जो सरकार गांधी को किताबों से हटाने पर तुली है, वह देश को किस दिशा में ले जा रही है?
पदयात्रा का उद्देश्य
पदयात्रा का उद्देश्य केवल प्रदर्शन तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण जनचेतना को जागृत करना भी है। दिग्विजय सिंह ग्रामीणों, मज़दूरों, किसानों, महिलाओं और युवाओं से संवाद करेंगे ताकि उन्हें बताया जा सके कि कैसे मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि गरीबों के लिए जीवन रेखा है। यह पदयात्रा राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जन-आंदोलन का आरंभिक चरण है, जो गांव की गलियों से संसद की सीढ़ियों तक पहुंचेगा।
भविष्य की योजनाएँ
कांग्रेस इस मुद्दे को 2025 के राजनीतिक एजेंडे का केंद्रीय मुद्दा बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। पार्टी का मानना है कि मनरेगा से गांधी का नाम हटाना उस भारत की आत्मा को ठेस पहुंचाना है, जो सत्य, श्रम और समानता पर आधारित है। दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट किया कि यह पदयात्रा तब तक जारी रहेगी जब तक सरकार गांधी के नाम को वापस नहीं लाती।
जिला कांग्रेस का समर्थन
जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गुजराती ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला सीहोर इस आंदोलन का मुख्य केंद्र बनेगा। यह केवल नाम परिवर्तन का विरोध नहीं है, बल्कि यह निश्चित करेगा कि भारत की आत्मा गांधी में बसी रहेगी या सत्ता की राजनीति में खो जाएगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम को बदलकर विकसित भारत गारंटी रोजगार आजीविका मिशन ग्रामीण (VB-G-RAM-G) कर दिया है, और इस परिवर्तन को लेकर लोकसभा में भी बिल पास हो चुका है। इसके विरोध में कांग्रेस का तर्क है कि नाम परिवर्तन के जरिए सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान कर रही है।
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