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डॉ. वेद प्रकाश शरण का निधन, शिक्षा और पत्रकारिता में छाया शोक
रांची: रांची विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो वाइस चांसलर और वरिष्ठ पत्रकार, शिक्षाविद डॉ. वेद प्रकाश शरण का निधन गुरुवार तड़के हुआ। उनकी उम्र 80 वर्ष थी, और उन्होंने रांची स्थित क्यूरेस्टा अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन से शिक्षा, पत्रकारिता और राजनीतिक क्षेत्रों में शोक की लहर फैल गई है। परिवार के अनुसार, डॉ. शरण पिछले कुछ वर्षों से किडनी संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे और लम्बे समय से उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने अपने पीछे एक पुत्री और दामाद को छोड़ छोड़ दिया है। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को हरमू मुक्तिधाम में किया जाएगा।
शिक्षा और पत्रकारिता में महत्वपूर्ण योगदान
डॉ. वेद प्रकाश शरण का जीवन शिक्षा और पत्रकारिता को समर्पित रहा। वे रांची विश्वविद्यालय में प्रो वाइस चांसलर के रूप में कार्य करते रहे। इससे पहले, उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची में राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष के पद पर कार्य किया और वहीं से सेवानिवृत्त हुए। साथ ही, उन्होंने कॉलेज में पत्रकारिता विभाग के निदेशक के रूप में भी सेवाएं दीं।
पत्रकारिता में संगठनात्मक कार्य
पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके योगदान को महत्वपूर्ण माना जाता है। वे रांची प्रेस क्लब के संस्थापक संयुक्त सचिव थे और पत्रकारों के हितों के लिए सक्रिय रहे। रांची प्रेस क्लब ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है और इसे अपूरणीय क्षति बताया है।
राजनीतिक क्षेत्र में योगदान
डॉ. शरण ने राजनीतिक क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे झारखंड प्रदेश कांग्रेस इकाई के पूर्व मुख्य प्रवक्ता रहे और अपनी स्पष्ट व संतुलित विचारधारा के लिए जाने जाते थे।
उनके निधन से परिवार के साथ-साथ शिक्षा, पत्रकारिता और राजनीतिक हलकों में गहरा शोक व्याप्त है। कई सामाजिक, शैक्षिक और पत्रकार संगठनों ने उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है।
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