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कांग्रेस ने चीन के मध्यस्थता दावों पर उठाए सवाल
नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के लिए चीन के दावों को चिंताजनक करार दिया है। पार्टी का कहना है कि इस संवेदनशील मसले पर भारत की जनता सरकार से स्पष्टता की मांग कर रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ने का आग्रह किया, यह कहते हुए कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का उपहास समझा जा रहा है।
जयराम रमेश के बयान
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया है कि 10 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रोकने के लिए उन्होंने व्यक्तिगत हस्तक्षेप किया था। उन्होंने विभिन्न मंचों पर यह बात की है, जबकि प्रधानमंत्री ने इनके दावों पर कभी प्रतिक्रिया नहीं दी। अब चीनी विदेश मंत्री भी इसी तरह का दावा कर रहे हैं कि उन्होंने मध्यस्थता की थी। 4 जुलाई, 2025 को भारत सेना के उप प्रमुख राहुल सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा था कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत और चीन के बीच सीधा संघर्ष हुआ था।
चीन के दावों का संदर्भ
रमेश के अनुसार, यह ध्यान में रखते हुए कि चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा था, उसकी मध्यस्थता के दावे निश्चित रूप से चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा कि यह भारत की जनता के साथ विश्वासघात है और हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।
ऑपरेशन सिंदूर और चीन की भूमिका
उन्होंने प्रधानमंत्री की ओर से चीन को दोषमुक्त करने के आरोप पर भी टिप्पणी की। रमेश ने कहा कि इस स्थिति के कारण भारत की बातचीत की स्थिति कमजोर हुई है और हमारे व्यापार घाटे में वृद्धि हुई है। उन्होंने पूछा, ‘भारत के लोगों को जानने का हक है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अचानक रोकने में चीन की क्या भूमिका थी।’
चीनी विदेश मंत्री का बयान
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने हाल ही में यह कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करना इस साल चीन की मध्यस्थता वाली सफलताओं में से एक है।
भारत का आधिकारिक रुख
इस बीच, भारत सरकार के अधिकारियों ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि 7 से 10 मई के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को दोनों देशों की सेनाओं के ‘सैन्य अभियान महानिदेशकों’ के बीच सीधी बातचीत से सुलझाया गया था। भारत का मानना है कि दोनों देशों के मामलों में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
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