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नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया-राहुल को बड़ी कानूनी राहत
दिल्ली/रांची, 17 दिसंबर 2025: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को महत्वपूर्ण कानूनी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 16 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा प्रस्तुत चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इंकार कर दिया। अदालत ने इसे तकनीकी कारणों पर खारिज किया, क्योंकि ED की शिकायत भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की निजी शिकायत पर आधारित थी, न कि पुलिस FIR पर। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने ऐलान किया कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के मुताबिक ऐसी शिकायतों पर संज्ञान नहीं लिया जा सकता, जब तक कि यह किसी अनुसूचित अपराध की FIR पर आधारित न हो। हालांकि, कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि ED अपनी जांच जारी रख सकती है और दिल्ली पुलिस की नई FIR के आधार पर नई चार्जशीट दायर कर सकती है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने अदालत के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे ‘सत्य की जीत’ करार दिया और देशभर में जश्न मनाने के साथ-साथ प्रदर्शन किए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “मोदी सरकार की बदनीयती और अवैध कार्रवाई की परतें बेनकाब हो गई हैं।” पार्टी ने इसे राजनीतिक साजिश की संज्ञा दी। झारखंड में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का उत्साह से स्वागत किया। रांची में कार्यकर्ताओं ने ED कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और भाजपा पर आरोप लगाए। इस मामले में पहले अप्रैल में भी रांची में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन किया गया था।
भाजपा का पलटवार
वहीं, भाजपा ने कांग्रेस पर नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने गांधी परिवार को ‘राजनीति का सबसे भ्रष्ट परिवार’ बताते हुए कहा कि यह मामला अभी समाप्त नहीं हुआ है और जांच आगे भी जारी रहेगी। भाजपा का दावा है कि यह भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला है, जिसमें एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों को यंग इंडियन कंपनी के जरिए कथित तौर पर हड़पा गया। यह मामला 2012 से चल रहा है, जब सुब्रमण्यम स्वामी ने एक निजी शिकायत दर्ज की थी। ED ने अप्रैल 2025 में चार्जशीट दायर की थी, जिसमें सोनिया, राहुल के अलावा सैम पित्रोदा, सुमन दुबे सहित अन्य को आरोपी बनाया गया था। अदालत का निर्णय प्रक्रियात्मक आधार पर है, जिससे जांच का रास्ता अब भी खुला है।
राजनीतिक प्रभाव
कांग्रेस ने पूरे देश में प्रदर्शनों की योजना बनाई है, जबकि भाजपा इसे कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा मानती है। यह मामला आने वाले दिनों में राजनीतिक तनाव को बढ़ा सकता है।
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