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झारखंड का दावोस दौरा: निवेश के नए अवसर और आर्थिक मजबूती
रांची: झारखंड राज्य को वैश्विक निवेश का केंद्र बनाने और राज्य की खनन एवं पर्यटन संभावनाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करने का प्रयास किया जा रहा है। इस हेतु, झारखंड सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल जनवरी 2026 में स्विट्ज़रलैंड के दावोस में होने वाले विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में भाग लेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में मुख्य सचिव, उद्योग सचिव, उद्योग निदेशक और जियाडा निदेशक समेत अन्य अधिकारी शामिल होंगे।
दावोस सम्मेलन: झारखंड का पहला भागीदारी
यह पहला अवसर है जब झारखंड दावोस के प्रतिष्ठित सम्मेलन में भाग लेगा, जिसमें विश्वभर के निवेशक और कई राष्ट्राध्यक्ष, जैसे कि अमेरिकी राष्ट्रपति, भाग लेंगे। उद्योग विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह यात्रा राज्य की आर्थिक प्रगति, विविध अवसरों और निवेश की अत्यधिक संभावनाओं को प्रदर्शित करने का एक सुनहरा मौका है। इसका उद्देश्य झारखंड को एक प्रमुख निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करना है और वैश्विक नेताओं तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ सहयोग के नए रास्ते खोलना है।
लंदन में संभावनाएँ
लंदन को वैश्विक निवेश, शिक्षा और पर्यटन का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है, इसलिए दावोस के साथ लंदन का दौरा भी इस यात्रा का हिस्सा होगा। यहाँ भारतीय प्रवासियों के साथ निवेश के अवसरों पर चर्चा होने की संभावना है। उद्योग विभाग का मानना है कि इस पहल से झारखंड की पहचान बढ़ेगी और राज्य में रोजगार एवं विकास के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
सफल यात्रा के लिए लॉजिस्टिक्स प्रबंधन
इस महत्वपूर्ण यात्रा को सफल बनाने के लिए सरकार ने अनुभवी इवेंट मैनेजमेंट एजेंसी या लॉजिस्टिक्स पार्टनर की सेवाएँ लेने का निर्णय लिया है। इसके लिए 10 दिसंबर 2025 को टेंडर जारी किया गया है। इच्छुक एजेंसियाँ 17 दिसंबर 2025 तक अपने प्रस्ताव जमा कर सकती हैं। तकनीकी बोलियों का खुलासा 18 दिसंबर को होगा। चयनित एजेंसी प्रत्याशित प्रतिनिधिमंडल के लिए हवाई और जमीनी यात्रा, उच्च गुणवत्ता वाले आवास, वीजा प्रक्रियाओं और अन्य लॉजिस्टिक्स व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखेगी।
यात्रा का कार्यक्रम
प्रतिनिधिमंडल का प्रस्तावित यात्रा कार्यक्रम 17 जनवरी 2026 से शुरू होगा, जब वे भारत से ज्यूरिख के लिए रवाना होंगे। 18 से 21 जनवरी तक दावोस में आधिकारिक बैठकें होंगी, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल 22 जनवरी को लंदन को रवाना होगा। लंदन में आधिकारिक कार्यक्रम के बाद, प्रतिनिधिमंडल 25 जनवरी को भारत वापस लौटेगा।
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