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अमेरिका ने ईरान और वेनेजुएला पर नए प्रतिबंध लगाए
वॉशिंगटन: अमेरिका ने ईरान के ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े एक नेटवर्क पर महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ईरान और वेनेजुएला के दस व्यक्तियों और कंपनियों पर नए प्रतिबंध लागू किए हैं। ट्रंप प्रशासन के अनुसार, ये गतिविधियाँ अमेरिका और उसके मध्य पूर्वी सहयोगियों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संकेत हैं।
प्रतिबंधों का उद्देश्य
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के मुताबिक, ये नए प्रतिबंध संयुक्त राष्ट्र द्वारा ईरान पर फिर से लगाए गए प्रतिबंधों को प्रभावी बनाने के लिए हैं। इनका मुख्य उद्देश्य ईरान के परमाणु और सैन्य कार्यक्रमों पर आर्थिक दबाव बढ़ाना है, जबकि ईरान लगातार अपना परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण बताता रहा है।
विशेष रूप से निशाने पर व्यक्ति और कंपनियाँ
इन प्रतिबंधों में वेनेजुएला की एक कंपनी और उसके चेयरमैन का नाम भी शामिल है, जिन्हें ईरान से ड्रोन खरीदने का आरोपी माना गया है। इसके अलावा, तीन ईरानी नागरिकों पर बैलिस्टिक मिसाइलों के निर्माण में उपयोग होने वाले रसायनों की खरीद से जुड़े होने का आरोप लगाया गया है। कुछ अन्य कंपनियाँ और व्यक्ति भी इस सूची में शामिल हैं, जिन्हें रयान फैन ग्रुप से जोड़ा गया है।
अधिकतम दबाव अभियान
फरवरी में राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के खिलाफ अधिकतम दबाव अभियान का पुनरारंभ किया था, जिसका उद्देश्य ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकना है। इसी संदर्भ में, गर्मियों में अमेरिका ने इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष के बाद ईरान की तीन प्रमुख यूरेनियम संवर्धन सुविधाओं पर हमले किए थे।
संभावित सैन्य कार्रवाई की चेतावनी
हाल ही में, ट्रंप ने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बातचीत के दौरान ईरान को चेतावनी दी कि यदि उसने अपने परमाणु कार्यक्रम को पुनर्जीवित करने की कोशिश की, तो अमेरिका और सैन्य कार्रवाई कर सकता है। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के अंडरसेक्रेटरी जॉन के. हर्ली ने कहा कि ईरान और वेनेजुएला दुनिया भर में घातक हथियारों के प्रसार के लिए जिम्मेदार हैं, और हम उन सभी पर सख्ती से कार्रवाई जारी रखेंगे जो ईरान के सैन्य तंत्र को समर्थन देते हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर प्रभाव
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने कहा कि ईरान लगातार संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है, और कराकस में पारंपरिक हथियारों की आपूर्ति किसी भी स्थिति में अमेरिका के हितों के लिए खतरा बन सकती है। अमेरिका का यह कदम ईरान और वेनेजुएला पर अंतरराष्ट्रीय दबाव को बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है, जिसके भविष्य में वैश्विक राजनीति और सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है।
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