Table of Contents
5G नेटवर्क की दौड़: भारत में जियो बनाम एयरटेल
भारत में 5G नेटवर्क का विकास तेजी से हो रहा है। जहां जियो और एयरटेल की 5G उपलब्धता लगभग समान है, वहीं वास्तव में उपयोग में जियो ने एयरटेल को काफी पीछे छोड़ दिया है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, जियो के ग्राहक 5G का अधिकतम उपयोग करते हैं, जबकि एयरटेल के उपयोगकर्ता अक्सर 4G पर ही रुक जाते हैं।
जियो बनाम एयरटेल: आंकड़े बताते हैं सच्चाई
- एयरटेल की 5G उपलब्धता: 66.6%
- एयरटेल का 5G पर समय: 28%
- जियो की 5G उपलब्धता: 68.1%
- जियो का 5G पर समय: 67.3%
ये आँकड़े स्पष्ट करते हैं कि जब जियो यूजर्स 5G से जुड़े होते हैं, तो वे लंबे समय तक उसी पर बने रहते हैं।
टेक्नोलॉजी का फर्क: SA बनाम NSA
- एयरटेल: NSA (Non-Standalone) मॉडल का उपयोग करता है, जो कि 4G कोर पर 5G की सुविधा प्रदान करता है।
- जियो: SA (Standalone) नेटवर्क को अपनाता है, जो पूर्णतः 5G इंफ्रास्ट्रक्चर पर आधारित है।
यह अंतर यह सुनिश्चित करता है कि एयरटेल यूजर्स 5G के संकेत को देख सकते हैं, लेकिन डेटा असल में 4G पर कार्य कर रहा होता है।
700 MHz स्पेक्ट्रम का कमाल
जियो ने 700 MHz स्पेक्ट्रम का उपयोग किया है, जिससे इनडोर कवरेज को बहुत मजबूत बनाया गया है। इसका मतलब यह है कि जियो के उपयोगकर्ताओं को घर या ऑफिस के अंदर भी निरंतर 5G का अनुभव मिलता है।
वोडाफोन आइडिया का वर्तमान स्थिति
वोडाफोन आइडिया अभी 5G की प्रारंभिक अवस्था में है।
- 5G उपलब्धता: 32.5%
- 5G पर समय: 9.7%
ये आंकड़े साफ-साफ दिखाते हैं कि वोडाफोन आइडिया जियो और एयरटेल से बहुत पीछे है।
भविष्य की तस्वीर
जियो की आक्रामक 5G रणनीति और SA नेटवर्क तैनाती इसे भारत का वास्तविक 5G लीडर बना देती है। एयरटेल को NSA से SA की ओर बढ़ने की आवश्यकता है, अन्यथा उसका उपयोगकर्ता अनुभव हमेशा पिछड़ा रहेगा।
Have any thoughts?
Share your reaction or leave a quick response — we’d love to hear what you think!
