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पोटका में दिव्यांग वृद्ध के राशन के लिए संघर्ष
जमशेदपुर: पोटका प्रखंड के कोवाली गांव में 62 वर्षीय दिव्यांग वासुदेव तांती पिछले तीन महीनों से राशन के लिए दर-दर भटक रहे हैं। दोनों आंखों से देखने में असमर्थ वासुदेव को ई-केवीसी की कमी और फिंगरप्रिंट से संबंधित समस्याओं के कारण राशन कार्ड खत्म होने की चिंता सताती है। गांववाले उनके लिए एकमात्र सहारा थे, लेकिन अब राशन का चावल भी बंद हो गया है।
राशन दुकानदार की समस्या
राशन दुकानदार ने बताया कि उन्होंने वासुदेव को बिना फिंगरप्रिंट के राशन उपलब्ध कराया था, लेकिन अब उनके पास स्टॉक खत्म हो गया है। दुकानदार ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने मार्केटिंग ऑफिसर को अपवाद पुस्तिका के तहत राशन देने के लिए लिखित आवेदन दिया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। फिंगरप्रिंट न आने के कारण उन्हें भी राशन उपलब्ध करवाने में कठिनाई हो रही है।
गांव वालों का समर्थन
गांव के हरे लाल गोप ने कहा, “वासुदेव का इस दुनिया में कोई नहीं है। हम सभी मिलकर उसे खाना-पानी देते हैं, लेकिन यह कितने दिन चलेगा? तीन महीने तक राशन न मिलने से उसकी सेहत खराब हो रही है।” एकल दिव्यांग वासुदेव किसी तरह गांव वालों के सहयोग से जीवन यापन कर रहे हैं, पर सरकारी योजनाओं के लाभ न मिलने से उनकी समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं।
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