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झारखंड मुक्ति मोर्चा को 21.10 करोड़ का चंदा, चुनाव आयोग को दी गई जानकारी
रांची: उच्चतम न्यायालय द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगाने के बाद, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को वित्त वर्ष 2025-26 में 21.10 करोड़ रुपए का चंदा प्राप्त हुआ। इस चंदे के साथ पार्टी के फंड का कुल आंकड़ा बढ़कर 33.20 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 174 प्रतिशत अधिक है। यह चंदा विभिन्न कंपनियों और इलेक्टोरल ट्रस्ट के माध्यम से इकट्ठा किया गया है। जेएमएम द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए ब्योरे से यह जानकारी सामने आई है। पार्टी को अब तक कुल 188 दाताओं से चंदा मिला है, जिसमें से 24.40 करोड़ रुपए कॉर्पोरेट दाताओं से और 6.70 करोड़ रुपए व्यक्तिगत दानदाताओं से प्राप्त हुए हैं।
इलेक्टोरल ट्रस्ट का योगदान
इलेक्टोरल ट्रस्ट एक रजिस्टर्ड संस्था होती है, जो कॉर्पोरेट कंपनियों और व्यक्तियों से चंदा इकट्ठा कर राजनीतिक दलों तक पहुंचाती है। यह ट्रस्ट चंदे की पूरी जानकारी चुनाव आयोग को प्रदान करता है, जिससे यह पता चलता है कि किस पार्टी को कितना दान मिला है।
मुख्य दानदाताओं में वेदांता लिमिटेड
इस बार माइनिंग कंपनी वेदांता लिमिटेड जेएमएम का सबसे बड़ा दानदाता रहा, जिसने पार्टी को 20 करोड़ रुपए का योगदान दिया। इसके अलावा, फागू जयमंगल इंफ्रा ने 1.90 करोड़ रुपए का चंदा दिया। व्यक्तिगत दानदाताओं में शिव कुमार तिवारी ने 1.98 करोड़ और जयमंगल सिंह ने 99.70 लाख रुपए का चंदा दिया है। जेएमएम को चंदा केवल झारखंड से नहीं, बल्कि अन्य राज्यों से भी मिला है।
क्षेत्रीय कंपनियों का योगदान
अधिकांश चंदा बुनियादी ढांचा और निर्माण क्षेत्र की कंपनियों से प्राप्त हुआ है। इसके बाद स्टील, आयरन मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग, और मेटल्स क्षेत्रों की कंपनियों का योगदान प्रमुख रूप से रहा है, जो झारखंड की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं।
बीजेपी को 6654 करोड़ का चंदा
झारखंड बीजेपी के नेताओं के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में पार्टी को 6654 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। हालांकि, प्रदेश स्तर पर इस चंदे का कोई विशिष्ट ब्योरा उपलब्ध नहीं है। प्रमुख कॉरपोरेट दाताओं में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 100 करोड़, रूंगटा समूह ने 95 करोड़, और बजाज समूह ने 74 करोड़ रुपए का योगदान दिया है।
कांग्रेस के लिए 522 करोड़ का चंदा
कांग्रेस पार्टी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 522.13 करोड़ रुपए का चंदा प्राप्त किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में कम है। आईटीसी समूह ने कांग्रेस को 15.5 करोड़ का दान दिया, जबकि कोटक समूह से जुड़े फर्म ने 10 करोड़ का चंदा दिया। प्रदेश कांग्रेस ने इस वर्ष प्रदेश स्तर पर कोई विशेष ब्योरा नहीं भेजा है।
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