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झारखंड में जनगणना की तैयारी शुरू
जमशेदपुर: जनगणना का प्री-टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद, जिला सांख्यिकी विभाग अब आगामी जनगणना की तैयारी में जुट गया है। यह प्रक्रिया अगले साल अप्रैल से शुरू होगी। केंद्र सरकार ने झारखंड के सभी जिलों के लिए जनगणना के संदर्भ में एक कार्यक्रम भेजा है। इसमें बताया गया है कि जनगणना दो चरणों में संपन्न होगी। पहले चरण में मकानों की गिनती की जाएगी, और दूसरे चरण में यह देखा जाएगा कि प्रत्येक मकान में कितने लोग निवास करते हैं। इस तरह, जनसंख्या की सटीक गणना की जाएगी। सभी जिलों में संबंधित तैयारी का कार्य आरंभ हो चुका है, और मास्टर ट्रेनरों की खोज की जा रही है। इन मास्टर ट्रेनरों के नाम रांची भेजने की प्रक्रिया चल रही है।
मास्टर ट्रेनरों की सूची और प्रशिक्षण
पूर्वी सिंहभूम के साथ ही कोल्हान के अन्य जिलों जैसे पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां में भी मास्टर ट्रेनर्स की तलाश शुरू कर दी गई है। जिला सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों के अनुसार, चार मास्टर ट्रेनर होंगे, जिनमें दो बीडीओ शामिल होंगे। इसके अलावा, एक कार्यपालक दंडाधिकारी और एक सहायक नगर आयुक्त भी मास्टर ट्रेनरों में शामिल किए जाएंगे। मास्टर ट्रेनरों की सूची तैयार की जा रही है और इसे उपायुक्त द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा। यह सूची सभी जिलों के लिए तैयार की जाएगी और रांची भेजी जाएगी, जहाँ ये मास्टर ट्रेनर जनगणना के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। पिछले नवंबर में, जमशेदपुर के मानगो में जनगणना का प्री-टेस्ट किया गया था और उसके आंकड़े केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय को भेजे जा चुके हैं।
ट्रेनिंग की तारीख का निर्धारण
हालांकि मास्टर ट्रेनर्स की ट्रेनिंग की तारीख अभी तक तय नहीं हुई है, रांची के अधिकारी सभी जिलों से मास्टर ट्रेनरों की सूची प्राप्त करने के बाद इस दिशा में कदम उठाएंगे। ट्रेनिंग के दौरान, मास्टर ट्रेनर्स जनगणना की प्रक्रिया के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करेंगे और फिर अपने-अपने जिलों में प्रगणकों और पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि यह कार्य अप्रैल से पहले पूरा कर लिया जाएगा।
प्रगणक की तैनाती हेतु दिशा-निर्देश
केंद्र सरकार ने प्रगणकों की तैनाती के संबंध में जिला सांख्यिकी विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए हैं। बताया जा रहा है कि 800 जनसंख्या पर एक प्रगणक नियुक्त किया जाएगा, जबकि 6 प्रगणकों पर एक सुपरवाइजर नियुक्त होगा। सुपरवाइजरों की टीम का कार्य देखने के लिए चार्ज अधिकारियों के रूप में बीडीओ का चयन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जिले के प्रशासनिक अधिकारी पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। प्रगणक ज्यादातर शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा, जबकि सुपरवाइजर के तौर पर क्लर्क और अन्य प्रशासनिक कर्मचारी कार्य करेंगे।
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