Table of Contents
रांची: झारखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) द्वारा की गई सख्त कार्रवाइयों के बावजूद, बिल्डरों की अनदेखी जारी है। बार-बार के निर्देशों के बावजूद, जिन्होंने ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है, वह ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध कराने में हिचकिचा रहे हैं। ऐसे में अब तक केवल 80 बिल्डरों ने अपनी परियोजनाओं का ऑनलाइन डेटा अपलोड किया है, जबकि अन्य बिल्डर रेरा के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। यह सवाल उठता है कि यदि बिल्डर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन में सही जानकारी दे चुके हैं, तो उन्हें ऑनलाइन अपडेट करने में क्या कठिनाई हो रही है।
ऑफलाइन रजिस्टर्ड हैं 620 प्रोजेक्ट
रेरा की वेबसाइट के अनुसार, वर्तमान में कुल 620 प्रोजेक्ट्स ऑफलाइन रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 80 बिल्डरों ने अपनी परियोजनाओं की जानकारी इंटरनेट पर अपलोड की है, जबकि 540 बिल्डरों ने इस प्रक्रिया में रुचि नहीं दिखाई है। रेरा ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि जो जानकारी ऑफलाइन दी गई है, उसे तुरंत ऑनलाइन अपडेट किया जाए, जिससे कि रेरा के पास प्रोजेक्ट की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो सके।
रेरा में कुल 1701 प्रोजेक्ट्स रजिस्टर्ड
झारखंड रेरा में इस समय कुल 1701 प्रोजेक्ट्स रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 1081 ऑनलाइन और 620 ऑफलाइन हैं। इसके अतिरिक्त, 11 एजेंट भी ऑनलाइन रजिस्टर्ड हैं। अब तक 121 डेवलपर्स को परियोजनाओं के पूर्ण होने के लिए एक्सटेंशन दिया गया है। रेरा ने ग्राहक-पारदर्शिता और समय पर मकान या फ्लैट देने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है। इस दौरान, बिल्डरों से ग्राहकों को प्रोजेक्ट में देरी की स्थिति में रेंट पेमेंट्स देने का भी प्रावधान किया गया है।
शिकायतों की संख्या में वृद्धि
रेरा के पास बड़ी संख्या में मामले दर्ज हैं, जिनकी कुल संख्या 8869 है। सुनवाई के लिए 2613 मामले एडजुडिकेटिंग ऑफिसर के पास लिस्टेड हैं। इन मामलों में सुनवाई प्रक्रिया चल रही है, लेकिन बिल्डरों की मनमानी के कारण ग्राहकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बिल्डरों के समय पर सुनवाई में न आने के कारण मामलों का निपटारा समय पर नहीं हो रहा है। ग्राहक, जिन्होंने अपनी राशि निवेश की है, बिल्डरों की अनियमितताओं का शिकार बन रहे हैं।
बिल्डर ग्राहकों को सही जानकारी नहीं देते
रेरा का मानना है कि क्वार्टर रिपोर्ट के माध्यम से ग्राहकों को सूचित किया जा सकता है कि उनका प्रोजेक्ट किस चरण में है। जिससे ग्राहकों को यह स्पष्ट हो सकेगा कि उन्होंने जिस प्रोजेक्ट में निवेश किया है, वह कब तक पूरा होगा। यह प्रक्रिया खरीदारों और निवेशकों का विश्वास भी बढ़ाती है। रेरा की कार्रवाई के कारण अब लोग बिल्डरों के खिलाफ शिकायतें खुलकर दर्ज कर रहे हैं।
Have any thoughts?
Share your reaction or leave a quick response — we’d love to hear what you think!
