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आदित्यपुर में अतिक्रमण हटाने का अभियान: स्थानीय व्यापारियों का विरोध
आदित्यपुर: आगामी 29 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) के 15वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दौरे को लेकर प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच, शहर की स्थिति को सुधारने के प्रयासों में नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे ‘अतिक्रमण हटाओ अभियान’ के खिलाफ स्थानीय व्यापारियों में भारी विरोध देखने को मिल रहा है।
आर्थिक संकट का सामना कर रहे छोटे व्यवसायी
खरकई पुलिया से एनआईटी गेट तक सड़क किनारे अपने व्यवसाय चला रहे छोटे दुकानदारों के लिए यह अभियान एक अत्यधिक आर्थिक संकट का कारण बन गया है। पान दुकान चौक पर गैरेज और पंचर की दुकान चलाने वाले कर्मेंद्र कुमार झा ने नगर निगम की कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उनकी दुकान, जो झारखंड हाउसिंग बोर्ड द्वारा आवंटित है, को तोड़ने की धमकी दी जा रही है। झा का कहना है कि उन्होंने इस बारे में हाउसिंग बोर्ड से बात की, जहां इसे लेकर कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ।
समाजसेवी का विरोध
इस मुद्दे पर समाजसेवी अजीत कुमार सिंह ने प्रशासन की नीति की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे तानाशाही करार देते हुए कहा कि राष्ट्रपति के स्वागत के नाम पर गरीबों को नुकसान पहुंचाना गलत है। सिंह ने आरोप लगाया कि नगर निगम शहर की जलजमाव जैसी बुनियादी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा, लेकिन गरीबों के व्यवसाय को नष्ट करने में तत्पर है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनके आवंटित दुकान को नुकसान पहुंचाया गया, तो वे न्यायालय का सहारा लेंगे। इस स्थिति ने स्थानीय व्यापारियों में आक्रोश एवं अनिश्चितता का माहौल बना दिया है।
स्थानीय समस्याओं की अनदेखी
इस अभियान के चलते स्थानीय निवासियों ने निगम की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। आम जनता का कहना है कि प्रशासन को शहर में जलजमाव और साफ-सफाई की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि गरीबों के रोजगार को खतरे में डालना चाहिए।
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