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झारखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई
डेस्क: झारखंड में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए निगरानी विभाग ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए जिला कल्याण पदाधिकारी और उनके सहयोगी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। निगरानी विभाग की टीम ने समाहरणालय स्थित जिला कल्याण कार्यालय में छापेमारी की, जहां जिला कल्याण पदाधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल और नाजिर जिवेन्द्र कुमार सिंह को 1800 रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। दोनों को तत्काल कार्यालय से हिरासत में ले लिया गया।
रिश्वत की मांग का आरोप
सूत्रों के अनुसार, जिला कल्याण पदाधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल पर यह आरोप लगा है कि वे सभी बिल पास करने के लिए 10 प्रतिशत की रिश्वत मांगते थे। हाल ही में 18 हजार रुपये के ऑफिस सप्लाई बिल को पास करने के एवज में 1800 रुपये की मांग की गई थी। इससे पूर्व भी ऐसी शिकायतें निगरानी विभाग को प्राप्त हो चुकी थीं।
शिकायत की शुरुआत
बचवारा निवासी मुकेश राम ने निगरानी विभाग में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने यह बताया कि उनका 18 हजार रुपये का स्टेशनरी सप्लाई बिल लंबे समय से पास नहीं किया जा रहा था। बार-बार निवेदन करने पर भी पदाधिकारी ने 10 प्रतिशत कमीशन की मांग की।
जाल बिछाकर की गई कार्रवाई
शिकायत के सत्यापन के बाद निगरानी टीम ने एक योजना बनाई। इस योजना के तहत, जैसे ही मुकेश राम ने 1800 रुपये की राशि दी, निगरानी टीम ने दोनों आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ लिया। इस कार्रवाई की पुष्टि डीएसपी सुजीत सागर ने की।
निगरानी विभाग की सख्त कार्रवाई
डीएसपी सुजीत सागर ने बताया कि फिलहाल दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है। इस रिश्वतखोरी के मामले ने क्षेत्र में चर्चा का विषय बना दिया है, और लोग निगरानी विभाग की इस सख्ती का स्वागत कर रहे हैं।
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