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फेंटानिल को सामूहिक विनाश का हथियार घोषित करना
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें फेंटानिल को ‘सामूहिक विनाश का हथियार’ घोषित किया गया। यह घोषणा ओवल ऑफिस में रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, ज्वाइंट चीफ्स के चेयरमैन जनरल डैन केन तथा अन्य प्रमुख सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में की गई।
नया आदेश और इसके संभावित प्रभाव
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन फेंटानिल को आधिकारिक रूप से सामूहिक विनाश का हथियार मानता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि फेंटानिल का प्रभाव किसी बम के प्रभाव से भी अधिक गंभीर है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इस आदेश का फेंटानिल के लती लोगों और तस्करों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, और क्या इससे ट्रंप प्रशासन की नीति में कोई बदलाव आएगा।
सामूहिक विनाश के हथियारों की परिभाषा
आमतौर पर, सामूहिक विनाश के हथियारों की श्रेणी में परमाणु, जैविक, रासायनिक और साइबर खतरों का समावेश होता है। ये हथियार किसी जनसंख्या, बुनियादी ढांचे या पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। आदेश में गृह सुरक्षा मंत्री को यह निर्देश दिया गया है कि वह उन गिरोहों की पहचान करें जो फेंटानिल की तस्करी में शामिल हैं। इसके लिए खुफिया संसाधनों का प्रयोग किया जाएगा।
आर्थिक प्रतिबंध और सहयोग
कार्यकारी आदेश में विदेश एवं वित्त विभाग को भी निर्देश दिया गया है कि वे फेंटानिल की तस्करी में शामिल वित्तीय संस्थानों और समूहों पर प्रतिबंध लगाएं और उनकी संपत्तियां जब्त करें। इसके अलावा, पेंटागन और न्याय विभाग के बीच तस्करी से संबंधित मुद्दों पर अधिक सहयोग की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया है।
पिछले दिशा-निर्देश और भविष्य की योजनाएं
इससे पहले, ट्रंप प्रशासन ने कुछ मादक पदार्थ तस्करी गिरोहों को आतंकवादी समूहों के रूप में नामित किया था, जिससे सशस्त्र बलों और घरेलू कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय बना। हालांकि, इस पर कानूनी विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं। ट्रंप ने यह भी उल्लेख किया कि गांजे को कम खतरनाक मादक पदार्थ के रूप में वर्गीकृत करने पर भी विचार चल रहा है।
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