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उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में आ सकता है महत्वपूर्ण बदलाव
डेस्क: क्या राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) टूटने की कगार पर है? विधायक रामेश्वर महतो द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किया गया एक पोस्ट उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व को सीधे तौर पर चुनौती दे रहा है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर पार्टी की नीतियों एवं नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं, जो पार्टी में असंतोष की भावना को और बढ़ा सकते हैं। महतो ने न तो किसी विशेष नेता का नाम लिया, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया कि नेतृत्व को लेकर उनकी असहमति है।
विधायक की चिंता और नेतृत्व पर प्रश्न
रामेश्वर महतो ने अपने पोस्ट में कहा है कि राजनीति में सफलता केवल बर्तन की चमक की तरह नहीं होती, बल्कि यह सच्ची नीयत और ठोस नीतियों पर निर्भर करती है। जब नेतृत्व अपनी नीयत में स्पष्ट न हो और नीतियां जनहित से अधिक स्वार्थ पर केंद्रित होने लगें, तब जनता को लंबे समय तक भ्रमित नहीं रखा जा सकता। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आज के नागरिक अधिक जागरूक हैं और हर निर्णय की बारीकी से जांच करते हैं। महतो के इस बयान ने Bihar में राजनीतिक चर्चाओं को एक नया मोड़ दिया है और पार्टी में टूट की आशंका को जन्म दिया है।
नाराज विधायक की नाराजगी का कारण
सूत्रों के अनुसार, रामेश्वर महतो बिहार सरकार में मंत्री बनने की उम्मीद कर रहे थे। उनकी उम्मीद थी कि आरएलएम की ओर से उनका नाम मंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया जाएगा। लेकिन उनकी जगह उपेंद्र कुशवाहा के पुत्र दीपक प्रकाश को मंत्री बनाया गया। इससे महतो पार्टी के नेतृत्व से नाराज हो गए हैं। उनके हालिया बयान ने अंदरूनी खींचतान को और बढ़ावा दिया है, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि भविष्य में पार्टी में और असंतोष फैल सकता है।
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