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जमशेदपुर : विधायक पूर्णिमा साहू ने सदन में कई मुद्दों उठाए
झारखंड विधानसभा के शून्यकाल में जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू ने गुरुवार को कई महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने तेली समाज के पारंपरिक व्यवसाय को पुनर्जीवित करने के लिए ‘तेल व्यवसाय घानी बोर्ड’ की स्थापना की मांग की।
तेली समाज के पेशे की सुरक्षा की आवश्यकता
पूर्णिमा साहू ने बताया कि झारखंड में तेली समाज का परंपरागत पेशा, जिसमें सरसों का तेल निकालना शामिल है, अब लगभग लुप्त हो चुका है। आधुनिक संसाधनों की कमी और तकनीकी विकास के अभाव में यह पेशा रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत नहीं रहा। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि ‘तेल व्यवसाय घानी बोर्ड’ का गठन किया जाए, तो इससे तेली समाज को लाइसेंस सुविधा मिलेगी और सरसों के तेल के व्यवसाय में उनकी भागीदारी बढ़ेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
माटी कला बोर्ड की पुनः सक्रियता की मांग
विधायक साहू ने माटी कला बोर्ड के कार्यों को भी रेखांकित किया, जो पूर्ववर्ती भाजपा शासन में स्थापित किया गया था, लेकिन वर्तमान में निष्क्रिय है। उन्होंने इस बोर्ड की गतिविधियों को फिर से सक्रिय करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे कुम्हार समुदाय के रोजगार और कला का संवर्धन हो सके।
पंचायती व्यवस्था में वित्तीय सहायता की अपील
पूर्णिमा साहू ने पंचायतों के लिए आवश्यक वित्तीय आवंटन की कमी पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पंचायतें लोकतांत्रिक ढांचे की महत्वपूर्ण इकाइयाँ हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उन्हें आवश्यक धन नहीं मिल रहा है, जिससे विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राज्य वित्त आयोग की लंबित राशि शीघ्र जारी करने की मांग की।
मुखियाओं के मानदेय में वृद्धि की पहल
विधायक ने विधानसभा में विभिन्न मुद्दों की चर्चा करते हुए उल्लेख किया कि किसी जनप्रतिनिधि की आकस्मिक मृत्यु या दुर्घटना की स्थिति में उचित मुआवज़ा देने की नीति बनाई जानी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि झारखंड में मुखिया का मानदेय बढ़ाकर कम से कम 30 हजार रुपये किया जाना चाहिए, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से निर्वहन कर सकें।
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