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आलिया भट्ट ने इस वर्ष एक बार फिर से रेड सी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में शिरकत की। इस अवसर पर, उन्होंने अपनी यात्रा, पेशेवर जीवन और व्यक्तिगत अनुभवों पर खुलकर बातचीत की। खास बात यह है कि उनकी बेटी राहा अब इतनी बड़ी हो चुकी है कि वह लगातार मां से उनकी यात्राओं के बारे में सवाल करती रहती है।
राहा ने बदला ट्रिप का अनुभव
आलिया ने स्पष्ट किया कि इस बार का फेस्टिवल उनके लिए खासतौर पर भावनात्मक था, क्योंकि राहा अब उनकी अनुपस्थिति में सवाल पूछ रही है जैसे, “मम्मा, आप कहां जा रही हैं? कब आओगी?” उन्होंने यह भी बताया कि राहा अब कैमरा का सामना करना सीख रही है और इससे उनकी यात्रा और काम की जिम्मेदारी पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।
भारत का अंतरराष्ट्रीय मंच पर गर्व
जब आलिया से पूछा गया कि क्या उन्हें वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए दबाव का सामना करना पड़ता है, तो उन्होंने बिना hesitation के गर्व से कहा कि उन्हें सिर्फ जिम्मेदारी का एहसास होता है। उनका मानना है कि वे निरंतर सीखती रहना चाहती हैं और खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करती हैं।
पाकिस्तान जाने पर चौंकाने वाला उत्तर
एक पाकिस्तानी प्रशंसक के प्रश्न ‘क्या आप पाकिस्तान आएंगी?’ पर आलिया ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया कि वह जहां भी काम के लिए जाएंगी, वहां अवश्य जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि जब दर्शक कलाकार की सच्चाई को महसूस करते हैं, तो नेपोटिज्म जैसे विषय पीछे रह जाते हैं।
20 साल की आलिया से आज की आलिया तक का सफर
आलिया ने अपने अपने प्रारंभिक दिनों को याद करते हुए कहा कि 20 साल की उम्र में वह हर जगह उपस्थित रहने की कोशिश करती थीं। वैश्विक कार्यक्रमों की चकाचौंध के बावजूद वह अक्सर होटल में पजामा पहनकर पिज्जा का आनंद लेती थीं। अब एक दशक बाद, उनका उत्साह तो वही है, लेकिन वे अपने कदम आधिकारिकता और समझदारी से बढ़ा रही हैं।
उम्र के साथ समझ बढ़ी, बहादुरी कायम
आलिया ने स्वीकार किया कि उनकी सोच में काफी परिवर्तन आया है। 17-18 की उम्र में वह बेहद निडर थीं और बिना सोचे-समझे हर काम में कूद पड़ती थीं। उनका मानना है कि अनुभव जीवन में सतर्कता लाता है, लेकिन वह चाहती हैं कि उनके अंदर की बहादुर भावना हमेशा बनी रहे।
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