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वंदे मातरम् पर संसद में हुई बहस
भोपाल। संसद में वंदे मातरम् पर आयोजित 10 घंटे लंबी बहस के बाद इस पर व्यापक चर्चा होने लगी है। इस संदर्भ में मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता ने भाजपा विधायकों को वंदे मातरम् गाने का चैलेंज दिया है।
चुनौती का कारण और राजनीतिक संदर्भ
कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने कहा कि 2018-19 में जब कमलनाथ की सरकार बनी थी, तब वंदे मातरम् गायन का नियम लागू किया गया था। उस समय भोपाल के कई भाजपा विधायक भी मौजूद थे, लेकिन वे इसे गाने में असफल रहे। हफीज ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे रामेश्वर शर्मा जैसे कई विधायक हैं, यदि भाजपा को राजनीति करनी है तो इसे करने दें।
बीजेपी और आरएसएस का इतिहास
उन्होंने आगे कहा कि आरएसएस के मुखपत्र में जन गण मन का विरोध किया गया था। हफीज ने 1947 में आरएसएस के सदस्यों द्वारा झंडे जलाने की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि जब वंदे मातरम् की कविताई हो रही थी, तब यह लोग देश की आजादी के आंदोलन का विरोध कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह बात दूर तलक जाएगी और भाजपा को चाहिए कि वह अपने सभी विधायकों से वंदे मातरम् गवाए। अगर 70 प्रतिशत विधायक इसे गाते हैं, तो वह मान लेंगे कि भाजपा सच्ची है।
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