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झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र: तैयारी और अपेक्षाएँ
रांची: झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार, 9 दिसंबर से आरंभ हो रहा है। इस दौरान सदन में तीखी बहस और हंगामे की संभावना व्यक्त की जा रही है। हेमंत सोरेन सरकार पहले दिन वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए दूसरा अनुपूरक बजट पेश करने की योजना बना रही है, जो लगभग 5,000 करोड़ रुपये का हो सकता है।
अनुपूरक बजट का उद्देश्य
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर इस बजट को सदन के सामने पेश करेंगे। इस अनुपूरक बजट के माध्यम से सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और कल्याणकारी योजनाओं को फिर से गति देने का प्रयास करेगी। वित्तीय वर्ष के अंतिम चरण में आने वाले ये मांगें सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट करेंगी।
विपक्ष की रणनीति
विपक्ष ने सरकार को चुनौती देने के लिए मजबूती के साथ तैयारी की है। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाया है कि वे जनता के सवालों से भाग रही है। उनका कहना है कि यह अनुपूरक बजट केवल एक औपचारिकता है। विपक्ष का मानना है कि सरकार अपने वादों को निभाने में असफल रही है और सदन में हर मुद्दे पर जवाब देना आवश्यक होगा।
सत्ता पक्ष की तैयारी
सत्ता पक्ष भी हर परिस्थिति के लिए तैयार है। झामुमो और कांग्रेस के विधायकों को यह निर्देश दिए गए हैं कि विपक्ष के सवालों का सही तथ्यों और आंकड़ों के साथ जवाब दें। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं सदन में उपस्थित रहकर सरकार के पक्ष को मजबूती से प्रस्तुत करेंगे।
संभावित मुद्दे
दोनों पक्षों की आक्रामक तैयारी को ध्यान में रखते हुए, झारखंड विधानसभा में तीखी चर्चा और हंगामा होने की पूरी संभावना है। अनुपूरक बजट के अलावा, बेरोजगारी, किसान कल्याण, आदिवासी अधिकार और कानून-व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे भी विपक्ष द्वारा उठाए जाएंगे।
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