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नई दिल्ली: बांग्लादेश के प्रमुख ऑलराउंडर शाकिब अल हसन ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि 2024 में इंग्लैंड के काउंटी क्रिकेट में सरे टीम के लिए खेलते समय उन्होंने जानबूझकर अवैध गेंदबाजी एक्शन अपनाया था।
यह खुलासा उनके निलंबन से जुड़ी घटनाओं को एक नया मोड़ देता है। अवैध एक्शन के कारण उन पर प्रतिबंध लगाया गया था, और अब उन्होंने इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है।
थकान के कारण बदला था एक्शन
शाकिब ने ‘वियर्ड विफोर विकेट’ पॉडकास्ट पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि सरे के साथ एक चार दिवसीय मैच में उन्होंने एक ही मैच में 63.2 ओवर गेंदबाजी की थी, जो उनके करियर का सबसे लंबा स्पेल था। इस दौरे से पहले वह पाकिस्तान में लगातार टेस्ट मैच खेल चुके थे, और इस वजह से उनकी थकान बेहद बढ़ गई थी। शाकिब ने कहा, “मैंने जानबूझकर ऐसा किया क्योंकि मैंने पहले कभी 70 ओवर के करीब गेंदबाजी नहीं की थी। मैं अत्यधिक थक गया था।
दिसंबर 2024 में सामने आया था मामला
इस मैच में अंपायरों ने शाकिब के एक्शन पर संदेह जताया और रिपोर्ट किया। दिसंबर 2024 में लफबरा यूनिवर्सिटी में जब उनका टेस्ट हुआ, तो उनका एक्शन अवैध पाया गया। परिणामस्वरूप, इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने उन पर सभी प्रकार के क्रिकेट से प्रतिबंध लगा दिया। यह बैन ICC के नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर भी लागू हो गया।
दो बार फेल तीसरी बार पास
उनका पहला परीक्षण ब्रिटेन में फेल हुआ, और दूसरा परीक्षण चेन्नई में भी असफल रहा। इसके बाद, शाकिब ने सरे के कोचों के साथ मिलकर कड़ी मेहनत की। सिर्फ दो हफ्तों की ट्रेनिंग के बाद उन्होंने अपना एक्शन सुधार लिया। जब तीसरी बार लफबरा में जांच हुई, तो इस बार वह पास हो गए। इस साल की शुरुआत में उन्हें फिर से गेंदबाजी की अनुमति मिल गई।
चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर रहना पड़ा
इस घटनाक्रम के कारण शाकिब को चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर रहना पड़ा। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने स्पष्ट किया कि वे बतौर बल्लेबाज उपलब्ध हैं, लेकिन गेंदबाजी पर प्रतिबंध के चलते उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया।
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